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अधिवक्ताओं के प्रमाण पत्र का होगा सत्यापन
राणा प्रताप रांची : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में बार काउंसिल अॉफ इंडिया (बीसीआइ) ने अधिवक्ताअों के वेरिफिकेशन का निर्देश दिया है. झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने राज्य में निबंधित 26,500 अधिवक्ताअों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन की प्रकिया शुरू कर दी है. इसके लिए चार पेज का सत्यापन फाॅर्म सभी जिला व […]
राणा प्रताप
रांची : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में बार काउंसिल अॉफ इंडिया (बीसीआइ) ने अधिवक्ताअों के वेरिफिकेशन का निर्देश दिया है. झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने राज्य में निबंधित 26,500 अधिवक्ताअों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन की प्रकिया शुरू कर दी है. इसके लिए चार पेज का सत्यापन फाॅर्म सभी जिला व अनुमंडल बार एसोसिएशन को भेजा गया है. सत्यापन फाॅर्म को भर कर 100 रुपये शुल्क के साथ जमा करने को कहा गया है.
नयी गाइडलाइन के अनुसार, निबंधित अधिवक्ताअों को अपने प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराना होगा. बीसीआइ के सर्टिफिकेट एंड प्लेस ऑफ प्रैक्टिस वेरिफिकेशन रूल-2015 के तहत अधिवक्ताअों को 10वीं से लेकर सभी प्रमाण पत्र देने होंगे. काउंसिल प्रमाण पत्रों को सत्यापन के लिए भेजेगा. सत्यापन के बाद काउंसिल द्वारा अधिवक्ताअों को प्रैक्टिस सर्टिफिकेट दिया जायेगा. इसके बाद सिर्फ वही अधिवक्ता कोर्ट में प्रैक्टिस कर सकेंगे, जिनके पास बीसीआइ का सर्टिफिकेट रहेगा. सत्यापन से फरजी अधिवक्ताअों पर शिकंजा कसेगा.
पहली बार हो रहा है वेरिफिकेशन : बीसीआइ का गठन 1961 में हुआ था, लेकिन अब तक अधिवक्ताअों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए कोई प्रक्रिया नहीं अपनायी गयी. पहली बार सत्यापन कराने की प्रक्रिया शुरू की गयी है. सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून तक वेरिफिकेशन करा लेने का आदेश दिया है. वहीं दूसरी अोर कुछ अधिवक्ता वेरिफिकेशन का विरोध भी कर रहे हैं.
सत्यापन लंबी प्रक्रिया है : राजेश शुक्ला
स्टेट बार काउंसिल के उपाध्यक्ष राजेश कुमार शुक्ला ने कहा कि बीसीआइ के निर्देश के आलोक में वेरिफिकेशन कराने का निर्देश दिया गया है. सत्यापन फाॅर्म सभी बार एसोसिएशन को काउंसिल की ओर से उपलब्ध करा दिया है. सत्यापन लंबी प्रक्रिया है. इसमें काफी समय लगेगा. सीनियर अधिवक्ता इसका विरोध भी कर रहे हैं.
तय समय सीमा के अंदर हो सत्यापन : पीसी त्रिपाठी
झारखंड स्टेट बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष व हाइकोर्ट के वरीय अधिवक्ता पीसी त्रिपाठी ने कहा कि प्रमाण पत्रों का सत्यापन अच्छी बात है.सत्यापन होना चाहिए, लेकिन सत्यापन के नाम पर बार काउंसिल का अगले वर्ष होनेवाले चुनाव को बाधित नहीं किया जाना चाहिए.
इसलिए सत्यापन का कार्य तय समय सीमा के तहत हो, इसमें किसी प्रकार का विलंब नहीं होना चाहिए, लेकिन सत्यापन के मामले में बीसीआइ आैर स्टेट बार काउंसिल की मंशा स्पष्ट नहीं है.
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