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सस्ता व मजबूत है फ्लाइ एश ब्रिक्स, कीमत सिर्फ तीन रुपये

रांची : उषा मार्टिन लिमिटेड फ्लाइ एश ब्रिक्स (ईंट) बनानेवाली देश की पहली मल्टी नेशनल कंपनी है. कंपनी की ओर से रांची और सरायकेला में फ्लाइ एश ब्रिक्स का प्लांट लगाया गया है. रांची में प्रतिदिन 20 से 50 हजार फ्लाइ एश ईंट का उत्पादन किया जाता है. यह ईंट आम लोगों के लिए भी […]

रांची : उषा मार्टिन लिमिटेड फ्लाइ एश ब्रिक्स (ईंट) बनानेवाली देश की पहली मल्टी नेशनल कंपनी है. कंपनी की ओर से रांची और सरायकेला में फ्लाइ एश ब्रिक्स का प्लांट लगाया गया है.
रांची में प्रतिदिन 20 से 50 हजार फ्लाइ एश ईंट का उत्पादन किया जाता है. यह ईंट आम लोगों के लिए भी उपलब्ध है. एक ईंट की कीमत तीन रुपये है, जबकि सामान्य ईंट की कीमत पांच रुपये है. फ्लाइ एश ईंट दो रुपये सस्ती पड़ती है.
उषा मार्टिन के प्लांट इंचार्ज तन्मय सिन्हा ने बताया कि फ्लाइ एश से बनी ईंट परंपरागत मिट्टी से बनी ईंट की तुलना में न सिर्फ सस्ती है, बल्कि ज्यादा टिकाऊ व मजबूत भी है.
इसका प्रयोग घर, मकान, चहारदीवारी, कुआं, नाली, चबूतरा आदि में किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि यहां के फ्लाइ एश ब्रिक्स से बोकारो स्थित इलेक्ट्रोस्टील प्लांट, बर्नपुर सीमेंट प्लांट व सीअाइटी टाटीसिल्वे का निर्माण हुआ है. कई बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनियां उषा मार्टिन की ईंट की नियमित खरीदार हैं.
श्री सिन्हा ने बताया कि यह मिट्टी की पकी ईंट से ज्यादा मजबूत है. इसके प्रयोग से निर्माण कार्य की लागत भी कम आती है, क्योंकि इसकी जोड़ाई में मसाले(सीमेंट व बालू) व पानी दोनों की खपत कम होती है. उन्होंने बताया कि जिस किसी भी व्यक्ति या संस्था को फ्लाइ एश ब्रिक्स की खरीदारी करनी है, वे प्लांट में मोबाइल नंबर -09308108789, 9304106688,08084688262,9386826086 पर संपर्क कर सकते हैं.
निर्माण कार्यों में फ्लाइ एश ईंंट का इस्तेमाल अनिवार्य करने का आदेश
भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 25 जनवरी 2016 को गजट नोटिफिकेशन जारी कर फ्लाइ एश ईंट के इस्तेमाल को अनिवार्य करने का प्रावधान किया गया है. गजट नोटिफिकेशन के पैरा चार में लिखा गया है कि विभिन्न निर्माण परियोजनाओं का अनुमोदन करने वाले सभी राज्य प्राधिकारों का यह उत्तरदायित्व होगा कि वे सुनिश्चित करें कि निर्माण कंपनियां और पावर कंपनियों के बीच फ्लाइ एश और फ्लाइ एश के उत्पादों के इस्तेमाल के लिए एमओयू हो.
नोटिफिकेशन में आगे लिखा गया है कि राज्य प्राधिकार 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के बिल्डिंग बॉयलॉज में संशोधन कर सभी निर्माण कार्यों में फ्लाइ एश ब्रिक्स के इस्तेमाल को अनिवार्य करेंगे, ताकि फ्लाइ एश ईंटों का अधिकाधिक इस्तेमाल हो सके. अधिसूचना के मुताबिक सभी सरकारी स्कीमों में यथा मनरेगा, स्वच्छ भारत अभियान, शहरी और ग्रामीण अावास स्कीम (जहां एक हजार वर्ग फीट से अधिक का निर्माण कार्य हो) में फ्लाइ एश ईंट का इस्तेमाल संबंधित अधिकारी अनिवार्य रूप से करायेंगे.

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