रांची: शहर के विकास कार्यो में अनियमितता बरती जा रही है. ताजा मामला चुटिया मकचुंद टोली से पूरण तालाब जानेवाली नाली का है. दो माह पहले (नवंबर में) यहां आठ लाख की लागत से 540 फीट नाली बनायी गयी थी. दो माह बाद ही नाली के ऊपर लगाये गये स्लैब धंसने लगे हैं. स्लैब से आड़े तिरछे निकली छड़ से सड़क पर गुजरनेवाले लोग चोटिल हो रहे हैं. नाली का निर्माण ठेकदार गुड्ड सिंह ने किया है. इसकी देखरेख की जिम्मेदारी निगम के कनीय अभियंता बिंदेश्वरी प्रसाद, सहायक अभियंता सुरेंद्र प्रसाद और कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार के जिम्मे था.
छड़ से घायल हुए बच्चे
तिरछी छड़ से मुहल्ले के तीन बच्चे घायल हो चुके हैं. एक बच्चे को गुरूनानक अस्पताल में भरती भी करना पड़ता है. स्थानीय निवासी अविनाश सिंह के अनुसार, अब तक घर के बच्चों को बाहर खेलने देने से डर लगता है. साथ ही इन छड़ों से प्रतिदिन वाहन भी पंर हो रहे हैं.
कमीशन का खेल
नगर निगम के विकास कार्यो में हो रही लूट में सिर्फ ठेकेदार ही शामिल नहीं हैं, बल्कि इस कार्य में निगम के कनीय अभियंता, सहायक अभियंता, कार्यपालक अभियंता से लेकर लेखा शाखा के पदाधिकारी तक शामिल हैं. नाम नहीं छापने की शर्त पर एक ठेकेदार ने बताया कि एग्रीमेंट होने से लेकर फाइनल बिल देने तक ठेकेदार से 14 प्रतिशत कमीशन की वसूली निगम में हो जाती है. कमीशन का पांच प्रतिशत स्पॉट वेरिफिकेशन करनेवाले जेई को, तीन प्रतिशत सहायक अभियंता को, एक प्रतिशत लेखा शाखा को, दो प्रतिशत इइ को व एक प्रतिशत पूरे अभियंत्रण शाखा के कर्मचारियों के नाम पर देना पड़ता है. जब तक इन सभी जगहों पर कमीशन की राशि नहीं पहुंचती है, बिल फाइनल नहीं होता है. यानी एक लाख रुपये में 14 हजार रुपये निगम में कमीशन में ही चल जाता है.
नाली निर्माण में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. हो सकता है किसी बड़ी गाड़ी के कारण ये स्लैब टूट गये हों. अगर कहीं स्लैब टूटा हुआ है, तो हम उसकी जल्द मरम्मत करा देंगे. गुड्डू सिंह ठेकेदार
नाली की खराब हालत के संबंध में जानकारी नहीं है. अगर ऐसी बात है, तो हम अभियंता से स्थल जांच करायेंगे. जांच में अगर कुछ गलत पाया गया, तो संबंधित ठेकेदार पर कार्रवाई करेंगे.
एसके लाल डिप्टी सीइओ रांची नगर निगम