रांची: भारतीय वन सेवा के अधिकारी नीचे के पद पर भी काम करने को तैयार हैं. भारत सरकार में संयुक्त सचिव के पद पर काम कर चुके अधिकारी राज्य में आने पर विशेष सचिव के पद पर काम कर रहे हैं. भारत सरकार में संयुक्त सचिव का पद राज्य में सचिव के रैंक का होता है. राज्य में भारतीय वन सेवा के कई ऐसे अधिकारी हैं, जो प्रधान सचिव का वेतनमान ले रहे हैं, लेकिन विशेष सचिव के पद पर काम कर रहे हैं. इसमें कई ऐसे अधिकारी भी हैं, जिन्हें राज्य सरकार ने वापस मूल विभाग में भेजने का आदेश कर दिया है, लेकिन अब तक वे पुराने विभागों में जमे हुए हैं. कई अधिकारियों को अपने विभाग में बने रहने की पैरवी तो मंत्रियों ने भी कर दी है. एक अधिकारी तो राज्य गठन के बाद से ही राज्य सरकार में प्रतिनियुक्ति पर हैं.
केंद्र में थे संयुक्त सचिव
हाल तक ऊर्जा विभाग में विशेष सचिव के पद पर पदस्थापित विक्रम सिंह गौड़ भारत सरकार में स्वास्थ्य विभाग (आयुष) में संयुक्त सचिव थे. वहां से लौटने के बाद वह राज्य में विशेष सचिव बन गये. भारत सरकार में संयुक्त सचिव का रैंक 10 हजार रुपये ग्रेड पे वालों को दिया जाता है. यहां आने के बाद उनको 5700 रुपये ग्रेड पे वाले पद में पदस्थापित कर दिया था. पे प्रोटेक्शन मिलने के कारण इनको वित्तीय नुकसान नहीं होता है.
एक अधिकारी ने किया था विरोध, नहीं गये प्रतिनियुक्ति पर
भारतीय वन सेवा के एक अधिकारी ने राज्य में प्रतिनियुक्ति पर जाने से विरोध कर दिया था. पीसी मिश्र को स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव से हटाये जाने के बाद भारतीय वन सेवा के ही एक अधिकारी की प्रतिनियुक्ति विभाग में की गयी थी. अधिकारी ने विभाग के तत्कालीन सचिव एके सरकार से कहा था कि वे सचिव स्तर का वेतन पाते हैं. उनको सचिव के रैंक पर रखा जाये. इसे सरकार ने मानने से इनकार कर दिया था.
निगम और धीरेंद्र प्रधान सचिव रैंक का ग्रेड पे
वर्तमान में वन विभाग में विशेष सचिव के पद पर पदस्थापित बीसी निगम और उद्योग विभाग के विशेष सचिव धीरेंद्र कुमार प्रधान सचिव के ग्रेड पे वाले रैंक पर पहुंच गये हैं. इसके बाद भी वे विशेष सचिव वाले पद पर काम करने के लिए तैयार हैं. दोनों वन विभाग में लौट कर आयेंगे, तो इनका पदस्थापन अपर प्रधान मुख्य संरक्षक के पद पर होगा.