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कार्मिक विभाग से मांगा मार्गदर्शन

जेपीएससी : छठी सिविल सेवा के लिए दो बार बदला पाठ्यक्रम, आयाेग ने छठी सिविल सेवा परीक्षा नये पाठ्यक्रम से लेने के फैसले के बाद जेपीएससी ने कार्मिक विभाग से इस दिशा में मार्गदर्शन मांगा है. साथ ही इस मामले पर वैधानिक राय लेकर आयोग को अवगत कराने का आग्रह किया है. रांची : राज्य […]

जेपीएससी : छठी सिविल सेवा के लिए दो बार बदला पाठ्यक्रम, आयाेग ने
छठी सिविल सेवा परीक्षा नये पाठ्यक्रम से लेने के फैसले के बाद जेपीएससी ने कार्मिक विभाग से इस दिशा में मार्गदर्शन मांगा है. साथ ही इस मामले पर वैधानिक राय लेकर आयोग को अवगत कराने का आग्रह किया है.
रांची : राज्य सरकार द्वारा छठी सिविल सेवा परीक्षा नये पाठ्यक्रम से लेने के फैसले के बाद झारखंड लोकसेवा आयोग (जेपीएससी) ने कार्मिक विभाग को पत्र भेज कर इस दिशा में मार्गदर्शन मांगा है. साथ ही इस मामले पर वैधानिक राय लेकर आयोग को अवगत कराने का अाग्रह किया है. सबसे मजेदार पहलू यह है कि सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा अब तक तीन बार प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा गया है कि छठी सिविल सेवा नये पाठ्यक्रम पर ली जायेगी, लेकिन कार्मिक विभाग द्वारा आयोग को अब तक लिखित रूप से इस संबंध में कोई जवाब नहीं दिया गया है.
आयोग ने कार्मिक विभाग से कहा है कि नये सिलेबस से छठी सिविल सेवा परीक्षा लागू करने में तकनीकी अड़चन आ रही है. नये सिलेबस के लिए अभी कमेटी बनी है. कमेटी की अनुशंसा के आधार पर फाइनल रूप देने में समय लग सकता है. वहीं झारखंड हाइकोर्ट द्वारा नि:शक्तों की रिक्ति व बैकलॉग कैडर के आधार पर निकाल कर छठी सिविल सेवा परीक्षा में जोड़ने का निर्देश दिया गया है.
वर्ष 2007 में जारी नि:शक्तों के लिए संकल्प को समाप्त कर कैडर के आधार पर रिक्ति की गणना करनी है. दूसरी तरफ आयोग द्वारा वर्ष 2015 सितंबर से छठी सिविल सेवा परीक्षा लेने की प्रक्रिया शुरू की गयी है. एक लाख छह हजार आवेदन आ चुके हैं. इससे पूर्व इस परीक्षा के लिए दो बार पाठ्यक्रम में बदलाव किया जा चुका है. इस आधार पर उम्मीदवारों से आवेदन मंगाने के लिए दो बार तिथि विस्तारित की गयी है. आयोग का कहना है कि 17 अप्रैल को छठी सिविल सेवा पीटी लेने की तैयारी कर ली गयी थी. इस आधार पर प्रश्न पत्र भी सेट करा लिये गये.
आयोग ने पुन: संभावित तिथि 12 जून रखा था, लेकिन हाइकोर्ट व सरकार द्वारा लिये गये फैसले तथा परीक्षा लेने में नये पाठ्यक्रम को जोड़ने पर उम्मीदवारों से फॉर्म मंगाने, फॉर्म की स्क्रूटनी कराने, प्रश्न पत्र सेट करने आदि में काफी समय लग सकता है. कार्मिक ने इस बाबत आयोग से दिशा-निर्देश मांगा है. बताया जाता है कि सरयू राय की कमेटी ने नये पाठ्यक्रम व नयी नियमावली के आधार पर प्रस्ताव तैयार करने के लिए आयोग से इस शर्त पर अनुमोदन कराया था कि इसे अगली परीक्षा से लागू कराया जायेगा. लेकिन सरकार ने इसे छठी सिविल सेवा परीक्षा से ही लागू करने का निर्देश जारी कर दिया है.
16 वर्ष में पांच सिविल सेवा परीक्षा
राज्य का गठन 15 नवंबर 2000 में हुआ. इसके अगले वर्ष आयोग का गठन हुआ. राज्य बने लगभग 16 साल होने जा रहा है. जेपीएससी द्वारा अब तक पांच सिविल सेवा परीक्षा ही ली जा सकी है. आयोग द्वारा ली गयी सभी सिविल सेवा परीक्षा किस न किसी रूप में विवादित हो गयी.
पाठ्यक्रम समिति की बैठक
रांची. झारखंड लोक सेवा आयोग अौर झारखंड कर्मचारी चयन अायोग में नया पाठ्यक्रम बनाने के लिए सरकार द्वारा गठित समिति की गुरुवार को बैठक हुई. बैठक में आयोग द्वारा उपलब्ध कराये गये पुराने पाठ्यक्रम को मॉडल के रूप में रखा गया अौर इस पर विचार किया गया. सौ अंक की जगह 150 अंक के आधार पर पाठ्यक्रम बनाने के लिए सभी सदस्यों ने आपस में विचार-विमर्श किया.

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