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जल संकट: भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग का काम तत्काल शुरू करें
रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने बुधवार को गंभीर होते जल संकट से निबटने के लिए सरकारी भवनों, कार्यालयों, लोक उपक्रमों के भवनों, अपार्टमेंट, जी प्लस थ्री बिल्डिंग व तीन हजार वर्गफीट में बने आवासीय मकानों में अविलंब रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने का निर्देश दिया. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ […]
रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने बुधवार को गंभीर होते जल संकट से निबटने के लिए सरकारी भवनों, कार्यालयों, लोक उपक्रमों के भवनों, अपार्टमेंट, जी प्लस थ्री बिल्डिंग व तीन हजार वर्गफीट में बने आवासीय मकानों में अविलंब रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने का निर्देश दिया. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने कहा कि भूमिगत जल के रिचार्ज के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम कारगर होगा.
जल संकट पर स्वत: संज्ञान से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा, माॅनसून के आने में अब अधिक समय नहीं रह गया है. बिना समय गंवाये युद्ध स्तर पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार किया जाये. पहले चरण में उपरोक्त भवनों में इसे लगाया जाये. 22 जून से पहले 80 प्रतिशत का पूरा कर लिया जाये. खंडपीठ ने नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव आैर रांची नगर निगम शपथ पत्र के माध्यम से इसकी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.
कंपोजिट सिस्टम पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा : खंडपीठ ने कहा : रांची नगर निगम ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए नियमावली लागू की है. इसे सभी भवनों में कराना है. खंडपीठ ने निगम से पूछा कि जिस भवन के पास जमीन नहीं है, वहां यह सिस्टम कैसे तैयार किया जायेगा. निगम की अोर से बताया गया कि ऐसे भवनों को मिला कर कंपोजिट रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार किया जायेगा. इस पर खंडपीठ ने आपत्ति जतायी, कहा कि कंपोजिट सिस्टम तैयार करने के लिए जगह कहां है.
क्या सड़क में गड्ढा खोदेंगे. जुर्माना वसूल कर उसका दुरुपयोग करेंगे. स्थिति स्पष्ट होने तक इस पर रोक रहेगी. मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 जून की तिथि तय की गयी है.
सप्लाई वाटर पीने से कितने लोग बीमार हुए, बतायें : खंडपीठ ने रांची नगर निगम से पूछा कि टैंकर अथवा पाइपलाइन से सप्लाई किये गये पानी को पीने से 2015 में कितने लोग बीमार हुए थे. पहले की अपेक्षा बीमार पड़ने के मामले बढ़ें हैं या नहीं, इसकी जानकारी दें.
तालाब का एरिया बढ़ायें, नया स्केच तैयार कर प्रस्तुत करें
कोकर स्थित डिस्टिलरी तालाब के साैंदर्यीकरण मामले में दायर हस्तक्षेप याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने तालाब का एरिया बढ़ाने का निर्देश दिया. तालाब का नया स्केच तैयार कर प्रस्तुत करने को कहा. रांची नगर निगम की अोर से पेश की गयी डीपीआर और तसवीरों को देख कर खंडपीठ ने प्रशंसा की. कहा, प्रयास अच्छा है, जो तालाब बना रहे हैं, उसमें ग्रीन लैंड तो शामिल नहीं है. तालाब का एरिया बढ़ायें. बच्चों के लिए स्वीमिंग पुल की तरह तालाब बनायें, ताकि बच्चे सीख सकें. मामले में इंपावर झारखंड ने जनहित याचिका दायर की है.
दो तालाब बनाये जायेंगे 100 पेड़ लगाये जायेंगे
सुनवाई के दाैरान मौजूद अॉकिटेक्ट राजीव चड्ढा ने बताया कि तालाब का एरिया बढ़ सकता है. एक एकड़ में 100 पेड़ लगाये जायेंगे. हरियाली बरकरार रखी जायेगी. तालाब से आसपास के इलाके में भूमिगत जलस्तर बरकरार रखा जा सकेगा. पर्यावरण व जल संरक्षण को देखते हुए तालाब के साैंदर्यीकरण की डीपीआर तैयार की गयी है. निगम की ओर से बताया गया कि 3.01 एकड़ में डिस्टिलरी तालाब का साैंदर्यीकरण किया जा रहा है. 2.80 एकड़ में दो तालाब बनाये जा रहे हैं.
क्यों गायब हुए तालाब, नगर निगम से जवाब मांगा
सुनवाई के दाैरान रांची शहर में तालाबों के गायब होने का मामला उठा. इस पर खंडपीठ ने नगर निगम से जानना चाहा कि पूर्व में रांची शहर में जो तालाब थे, आज उनकी क्या स्थिति है. कितने तालाबों का अस्तित्व समाप्त हो गया है. कितने तालाब बचे हुए हैं. नगर निगम को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
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