रांची : माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा है कि 14 मई की झारखंड बंद की सफलता से सरकार को जनभावना समझ जाना चाहिए. 14 मई को जिस तरह की बंदी हुई, उसे देखते हुए राज्य सरकार को घोषित स्थानीय नीति को रद्द कर देना चाहिए. सरकार को 1932 के खतियान को आधार मानते हुए स्थानीय नीति घोषित करनी चाहिए. श्री भट्टाचार्य मंगलवार को माले कार्यालय में प्रेस से बात कर रहे थे.
राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य में प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं है. हर दिन हिंसा हो रहा है. उप चुनाव के दौरान पांकी में एक युवक की हत्या कर दी गयी. चतरा में पत्रकार की हत्या कर दी गयी. दलित और अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले हो रहे हैं. इसे रोकना चाहिए.
दीपंकर भट्टाचार्य ने बताया कि पार्टी का सम्मेलन संताल परगना में हुआ था. इसमें सरकार के भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ आंदोलन करने का निर्णय लिया गया था. खाद्य सुरक्षा की स्थिति पर भी चिंता जतायी गयी. तय किया गया कि झारखंड के किसान-मजदूर मिल कर आंदोलन करेंगे. 10 मई से नौ अगस्त तक छात्र अभियान चलाया जायेगा. देश भक्ति के नाम पर आरएसएस द्वारा फैलाये जा रहे आतंक के माहौल का विरोध किया जायेगा.
4-5 जून को होगी राज्य समिति की बैठक
श्री भट्टाचार्य ने बताया कि चार और पांच जून को पार्टी की राज्य समिति की बैठक में धनबाद में होगी. इसमें राज्य और केंद्र सरकार की गतिविधियों पर विचार किया जायेगा.
बड़ी कंपनियों को जमीन देने के लिए बदलाव
विधायक राजकुमार यादव ने कहा कि सीएनटी और एसपीटी एक्ट में बदलाव बड़ी-बड़ी कंपनियों को जमीन देने के लिए की गयी है. इससे आदिवासी जमीनों की लूट बढ़ेगी. श्री यादव ने चतरा में मारे गये पत्रकार के परिजनों को 50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की.