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जून में अधिसंख्य डोभा बना लें : राजबाला वर्मा

रांची : मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने डोभा व तालाब के काम में तेजी लाने का निर्देश दिया है. उन्होंने सभी डीडीसी से कहा है कि ज्यादा से ज्यादा डोभा का निर्माण जून माह में ही कर लिया जाये. इसे अभियान के रूप में लेने को कहा गया है, ताकि लक्ष्य की प्राप्ति हो सके. […]

रांची : मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने डोभा व तालाब के काम में तेजी लाने का निर्देश दिया है. उन्होंने सभी डीडीसी से कहा है कि ज्यादा से ज्यादा डोभा का निर्माण जून माह में ही कर लिया जाये. इसे अभियान के रूप में लेने को कहा गया है, ताकि लक्ष्य की प्राप्ति हो सके. उन्होंने कहा कि राज्य में कुल छह लाख डोभा निर्माण किया जाना है.

इसमें से जून तक के लिए तय डोभा को बनाना सुनिश्चित किया जाये. मुख्य सचिव वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाें के उप विकास आयुक्त, जिला परियोजना पदाधिकारियों के साथ राज्य में मनरेगा से बननेवाले डोभा व तालाब के कार्यों की समीक्षा कर रही थी.
रोजगार सेवकों की जवाबदेही तय करें : मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि मनरेगा से जो भी कार्य हो रहे हैं, उसके लिए सीधे तौर पर डीडीसी जिम्मेवार होंगे. उन्होंने अफसरों से कहा कि रोजगार सेवकों की जवाबदेही तय करें. अगर वे काम नहीं करते हैं, जो उन्हें चिह्नित कर कार्रवाई करें. साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि जो रोजगार सेवक 50 प्रतिशत से कम रोजगार का सृजन कर रहे हैं. ऐसे लोगों को अविलंब नोटिस देकर हटायें, ताकि एक्टिव लोगों को उस पद पर लाया जा सके. उन्होंने कहा के जिला परियोजना पदाधिकारी की भी जवाबदेही तय करें. साथ ही जो ठीक से कार्य नहीं कर रहे हैं, उनका वेतन तब तक निर्गत नहीं किया जाये, जब तक वे रिजल्ट नहीं दे देते हैं.
रोजगार का सृजन नहीं करनेवाली 50 पंचायतों को चिह्नित करें : मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि जहां सबसे खराब व रोजगार का सृजन नहीं हो पानेवाले 50 पंचायतों को चिह्नित करें. इसके बाद वहां मनरेगा से ज्यादा से ज्यादा काम करें. वहां क्रियाशील कामगारों की संख्या में वृद्धि करने पर कार्रवाई करें. मुख्य सचिव ने मनरेगा के भुगतान को सरल करने को कहा. साथ ही कहा कि जिन जिलों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है, उनके साथ वह खुद 10 दिनों के अंन्दर पुन: बैठक करेंगी और लक्ष्य के अनुरूप कार्य नहीं करने वाले पदाधिकारियों के ऊपर कार्रवाई की जायेगी.
उन्होंने सारे डीडीसी से कहा कि अगर कार्यों में किसी तरह की अड़चनें आती है, तो वे संबंधित विभाग के प्रधान सचिव और सचिव से बात करें. बैठक में मुख्य रूप से प्रधान सचिव ग्रामीण विकास विभाग एन एन सिन्हा, मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी भी उपस्थित थे।

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