आप मछली का पालन कुआं, तालाब, डोढ़हा, ड़ोभा, बांधों में कर सकते हैं. उन्हाेंने कहा कि झारखंड में पहला ताजा मछली विक्रय केंद्र का खुलना हमारे और विधान सभा क्षेत्र के लिए भी शुभकारी है. यह पूरे झारखंड के मछली पालकों के लिए मार्गदर्शन का काम करेगा. वहीं प्रकृति की गोद में बने बांध में नौका विहार पर्यटकों के लिए अाकर्षण का केंद्र बना रहेगा. उपनिदेशक सह प्रबंध निदेशक झासकोफिस आशीष कुमार ने कहा कि झारखंड के 70 से 80 प्रतिशत लोग मछली खाते हैं.
बाहर के राज्यों से प्रत्येक वर्ष नौ करोड़ रुपये की खाने की मछली व एक करोड़ का मछली जीरा आता है. यहां मछली पालन की अपार संभावनाएं हैं. आप अपने गांवों के तालाब व बांधों में समिति बना कर मछली पालन करें, आपको सरकार हर संभव सहयोग करेगी. हरिहरपुर जामटोली गांव में साई मंदिर सड़क किनारे ताजा मछली बिक्री केंद्र व कार्यालय शेड का उदघाटन किया गया है, जिसका लाभ ग्रामीण लें. छोटा तालाब के लिए चरवा उरांव ने जमीन दान में दी. समारोह को मुन्ना बड़ाइक के संचालन में उपप्रमुख धनंजय कुमार राय, पंचायत के मुखिया सुनील कच्छप, सांसद प्रतिनिधि अनिल उरांव, चरवा उरांव ने संबोधित किया.