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काम नहीं करनेवाले जिलों की होगी जांच
निर्देश. मुख्य सचिव ने कहा, संस्थागत प्रसव को दिया जायेगा बढ़ावा समाज कल्याण और स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने अधिकारियों से इन योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने को कहा है. चेतावनी दी है कि जो जिले लक्ष्य हासिल नहीं कर सकेंगे उनकी जांच करायी जायेगी. रांची : मुख्य सचिव […]
निर्देश. मुख्य सचिव ने कहा, संस्थागत प्रसव को दिया जायेगा बढ़ावा
समाज कल्याण और स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने अधिकारियों से इन योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने को कहा है. चेतावनी दी है कि जो जिले लक्ष्य हासिल नहीं कर सकेंगे उनकी जांच करायी जायेगी.
रांची : मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने कहा है कि संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए आंगनबाड़ी सेविकाअों व सहियाअों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाये. साथ ही संतोषजनक काम नहीं करनेवाले कर्मियों पर कार्रवाई करें. उन्होंने गर्भवती महिलाओं का सर्वेक्षण कर संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने को कहा है. उन्होंने कहा कि जिन जिलों की स्थिति संतोषजनक नहीं है, उन जिलों को चिह्नित कर वहां विशेष अभियान चलाया जाये.
आंगनबाड़ी के माध्यम से टीकाकरण अभियान भी चलायें. इन जिलों की जांच भी करने को कहा गया है. मुख्य सचिव ने कहा कि दुमका, सिमडेगा, चाईबासा आदि जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों का प्रदर्शन ठीक नहीं है, ऐसे में यहां की जांच करायें. मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि अच्छा प्रदर्शन नहीं करनेवाले जिलों में जांच करायी जायेगी. मुख्य सचिव श्रीमती वर्मा शनिवार को प्रोजेक्ट भवन में सभी जिला के सिविल सर्जन, डीएसडब्ल्यूओ, सीडीपीओ को वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से निर्देश दे रहीं थीं. इस क्रम में उन्होंने समाज कल्याण विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत संचालित पोषाहार एवं संस्थागत प्रसव के बारे में सिविल सर्जन, डीएसडब्ल्यूओ, सीडीपीओ को आवश्यक निर्देश दिया.
बैठक में सभी सिविल सर्जन को उन्होंने निदेश दिया कि राज्य में पीपीपी मोड पर संचालित सभी पैथोलॉजी सेंटर से प्राप्त जांच संबंधी बिल का भुगतान अविलंब करें. अन्यथा इसकी जवाबदेही सीधे उन पर होगी. जिन जिलों में टीकाकरण कार्यक्रम संतोषजनक नहीं है, वहां इंद्रधनुष कार्यक्रम मिशन के तहत विशेष अभियान चलाया जाये. उन्होंने नेशनल हेल्थ मिशन को जिलावार संस्थागत प्रसव एवं टीकाकरण के आंकड़ों का विश्लेषण कर कमजोर जिलों को चिह्नित करने का निर्देश दिया है.
साथ ही साथ ही ऐसे आंगनबाड़ी केंद्र जहां शून्य संस्थागत प्रसव एवं टीकाकरण पाया गया है, उनपर त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया. मुख्य सचिव ने कहा कि ग्रामीण स्वास्थ्य पोषण दिवस की गुणवत्ता को और ज्यादा बेहतर बनाने के लिए आवश्यक कदम उठायें ताकि कुपोषित बच्चों और माता को उसका लाभ दिया जा सके. उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में हर आंगनबाड़ी केंद्र में निर्धारित दिवस को कैंप लगे.
अगर ग्रामीण स्वास्थ्य पोषण दिवस के कैंप का आयोजननहीं किया जा रहा है, तो ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जायेगी. अगर स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार पर काम नहीं किये जायेंगे, तो ऐसे पदाधिकारियों/कर्मियों को चिह्नित कर कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि जिन स्वास्थ्य केंद्रों, उप स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव हेतु संसाधन उपलब्ध नहीं है, वहां जिला स्तर पर निविदा द्वारा जरूरी उपकरण क्रय किये जायें तथा आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाये.
लक्ष्य के अनुरूप करें कार्य, वरना कार्रवाई
मुख्य सचिव ने डीएसडब्ल्यूओ और सीडीपीओ को निर्देश दिया कि हर हाल में लक्ष्य के अनुरूप कार्य करें, अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहें. विदित हो कि विभाग की ओर से आंगनबाड़ी सेविकाओं, सहियाओं, एएनएम के लिए संस्थागत प्रसव हेतू न्यूनतम लक्ष्य निर्धारित किया गया है, लेकिन कई जिलों में लक्ष्य के अनुरूप कार्य संपन्न नहीं हो पा रहा है.
बैठक में मुख्य रूप से स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के विद्यासागर, कल्याण विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे, एनआरएचएम के आशीष सिंहमार सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे.
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