गिरिडीह: बढ़ती तपिश के बीच परिवार को जलसंकट से छुटकारा दिलाने के लिए दिलीप यादव ने किसी प्रकार कर्जा इकट्ठा कर अपने घर में बोरिंग करवायी. किंतु उस वक्त अरमानों पर पानी फिर गया, जब 700 फीट बोरिंग के बाद भी एक बूंद पानी नहीं निकला. कर्ज चुकाने की चिंता में दिलीप ने आत्मघाती फैसला […]
गिरिडीह: बढ़ती तपिश के बीच परिवार को जलसंकट से छुटकारा दिलाने के लिए दिलीप यादव ने किसी प्रकार कर्जा इकट्ठा कर अपने घर में बोरिंग करवायी. किंतु उस वक्त अरमानों पर पानी फिर गया, जब 700 फीट बोरिंग के बाद भी एक बूंद पानी नहीं निकला. कर्ज चुकाने की चिंता में दिलीप ने आत्मघाती फैसला किया. उसने कुएं में छलांग लगा कर आत्महत्या कर ली.
मुफस्सिल थाना क्षेत्र के पुरनानगर निवासी नरेश गोप के 25 वर्षीय पुत्र दिलीप यादव का शव गांव के ही एक कुआं से मंगलवार की सुबह बरामद किया गया. एक लड़की पानी लेने कुआं पर गयी थी. उसकी बाल्टी कुआं में गिर गयी. बाल्टी निकालने के लिए झगर डाला गया, तो शव झगर में फंस गया. शव के बाहर आने पर उसकी पहचान दिलीप यादव के रूप में की गयी.
जलसंकट से जूझ रहे थे परिवारवाले
खटाल से आजीविका चलानेवाले नरेश गोप ने बताया कि उनके घर में पिछले दो वर्षों से पानी की घोर किल्लत थी. दिलीप भी इसको ले चिंतित रहता था. पिता के खटाल में हाथ बंटानेवाले इस युवा पुत्र ने किसी प्रकार कर्ज का जुगाड़ कर सोमवार की रात में घर के अंदर डीप बोरिंग करवायी.
रात दो बजे तक 700 फीट बोरिंग होने पर भी पानी नहीं निकला. इस पर 70 हजार रुपये खर्च करने पड़े. इतना पैसा खर्चने के बाद भी पानी नहीं मिलने से दिलीप चिंतित हो उठा. वह बिना बताये रात में ही घर से कहीं निकल गया. सुबह 10 बजे गांववालों से जानकारी मिली कि एक युवक का शव गांव के कुआं से मिला है. मौके पर पहुंच कर उसने शव की पहचान अपने पुत्र के रूप में की. इसकी सूचना पुलिस को दी गयी.