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औसत जमीन की कीमत 30 से 40 लाख रुपये प्रति एकड़, संताल परगना में जमीन की दर तय करने के दो फॉरमूले मंजूर

रांची : कैबिनेट ने संताल परगना में नहीं बेचे जानेवाली जमीन के मूल्य निर्धारण के लिए तय दो फॉरमूले को मंजूरी दी है. पहले फॉरमूले के तहत मूल्य तय करने के लिए निकटवर्ती अंचल, अनुमंडल, जिले और जरूरत पड़ने पर पड़ोसी राज्य के जिले की बेचे जानेवाली भूमि को आधार बनाया जायेगा. वहीं, दूसरे फाॅरमूले […]

रांची : कैबिनेट ने संताल परगना में नहीं बेचे जानेवाली जमीन के मूल्य निर्धारण के लिए तय दो फॉरमूले को मंजूरी दी है. पहले फॉरमूले के तहत मूल्य तय करने के लिए निकटवर्ती अंचल, अनुमंडल, जिले और जरूरत पड़ने पर पड़ोसी राज्य के जिले की बेचे जानेवाली भूमि को आधार बनाया जायेगा. वहीं, दूसरे फाॅरमूले के तहत कृषि उपज के 30 गुना मूल्य के बराबर जमीन का मूल्य माना जायेगा. इन दोनों में से जिस फाॅरमूले पर जमीन का मूल्य अधिक हो, उसे आधार मान कर मुआवजे का भुगतान किया जायेगा. इन फाॅरमूले व भू-अर्जन अधिनियम के आलोक में संताल में औसत जमीन की कीमत मुआवजे के साथ 30 से 40 लाख रुपये प्रति एकड़ आंकी गयी है.
फलदार पेड़ों का मूल्य उपज के आधार पर तय होगा : बिरसा कृषि विवि की ओर से दिये गये सुझाव के आलोक में संताल परगना की धानी-1 (दो फसली जमीन) का औसत मूल्य 12.5 लाख आंकी गयी है. धानी-2 का मूल्य धानी-1 के मूल्य का तीन-चौथाई (3/4) होगा. धानी-3 का मूल्य धानी-1 का आधा (1/2) होगा. बारी-1 का मूल्य धानी-1 का 5/8 होगा.

खतियान में वर्णित भूमि की श्रेणी के अनुरूप ही मुआवजे के लिए जमीन की श्रेणी निर्धारित की जायेगी. यदि कृषि भूमि पर कोई आवासीय या व्यावसायिक भवन हो, तो उस जमीन को आवासीय मान कर मुआवजे का भुगतान किया जायेगा. जमीन पर लगे फलदार पेड़ का मूल्य लकड़ी के बदले उसकी उपज पर निर्धारित किया जायेगा. फलदार वृक्षों के लिए मुआवजे का निर्धारण उसके पिछले 20 सालों की उपज के आधार पर किया जायेगा.

आयुक्त की अध्यक्षता में समिति गठित : मूल्य निर्धारण के इन दोनों फाॅरमूले के मुकाबले अगर किसी अन्य परियोजना के लिए अधिग्रहीत की गयी जमीन में अधिक मुआवजा मिला हो, तो प्रमंडलीय आयुक्त इसकी सूचना सरकार को देंगे. इस तरह के मामलों में सरकार उस पर पुर्नविचार कर मूल्य निर्धारित करेगी. इन फाॅरमूले के तहत संताल परगना के अलग-अलग क्षेत्रों में जमीन का मूल्य निर्धारित करने के लिए प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है. समिति में संताल परगना के सभी जिलों के उपायुक्त सदस्य के रूप में शामिल होंगे. यह समिति इन फाॅरमूले के आधार पर संताल परगना के विभिन्न क्षेत्रों में जमीन का मूल्य निर्धारित करेगी. हर दो साल के बाद मूल्य की समीक्षा की जायेगी.
कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण फैसले :
– रांची, धनबाद, जमशेदपुर में परिवार न्यायालय के लिए जिला न्यायाधीश स्तर के पद सृजित
– निरसा में 5.65 एकड़ जमीन रेल परियोजना के लिए देने का फैसला
– पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के परिवार के अमेरिका में हुए इलाज पर 11.77 लाख रुपये खर्च की घटनोत्तर स्वीकृति
– उद्यान समिति के लिए 36 पद सृजित
– रेंज ऑफिसर कृष्ण चंद्र बोइपाइ की अपील रद्द कर बर्खास्तगी के फैसले पर सहमति
– मनरेगा में वरीय लेखा पदाधिकारी की नियुक्ति की आहर्ता में संशोधन. अनुभव पांच वर्ष के बदले केवल दो साल
– रामगढ़ और खूंटी में सरकारी वकील के लिए 12 पद सृजित
– संविदा पर नियुक्त सेवानिवृत कर्मचारियों का मानदेय निर्धारित करने का फारमूला तय. मानदेय 20 से 65 हजार तक.
– धनबाद, रांची, जमशेदपुर में तीन कमर्शियल कोर्ट व 24 पदों के सृजन पर सहमति
– प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 60 करोड़ रुपये की स्वीकृति
– निरसा और तोपचांची में 2.02 एकड़ जमीन रेल परियोजना के लिए देने पर सहमति
– बोकारो, चाइबासा, धनबाद, दुमका, गुमला, हजारीबाग, जमशेदपुर और पलामू में पीपीपी मोड पर डायलेसिस सेंटर खोलने का फैसला
राज्यकर्मियों का डीए बढ़ा
कैबिनेट ने राज्य सरकार के कर्मचारियों व पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते में 6% की वृद्धि करने का फैसला किया है. इससे कर्मचारियों व पेंशनभोगियों को अब 119 के बदले 125% की दर से महंगाई भत्ता मिलेगा. सरकार पर करीब 264 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. जबकि, पेंशनभोगियों के मामले में यह रकम करीब 114 करोड़ रुपये होगी.

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