अंकेक्षण दल ने आर्थिक गड़बड़ी को लेकर शाखा प्रबंधक का ध्यान आकृष्ट भी किया. पर उन्हें सहयोग नहीं मिला. इसके बाद कई अधिकारियों को बार-बार पत्र भी लिखा गया. ऑडिट दल ने बैंक में हो रही गड़बड़ी को उजागर करने के लिए अंकेक्षण का दायरा बढ़ाने के बाबत कई जगहों पर पत्र भी लिखे. पर इसका कोई जवाब 12 मार्च 2016 के बाद नहीं दिया गया. कई बार यह धमकी भी दी गयी की अंकेक्षण दल अपने दायरे में रहें. इसके बाद चार्टर्ड एकाउंटेंट ने बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों और अन्य को सूचित भी कर दिया है.
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अंकेक्षक को प्रतािड़त करने के मामले पर बैंक प्रबंधन ने उठाया सवाल
रांची: देश के एक प्रतिष्ठित व्यावसायिक बैंक की तरफ से अंकेक्षक को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का मामला सामने आया है. बैंक के रामगढ़ और पतरातू शाखा में अंकेक्षण के दौरान पायी गयी गड़बड़ियों के उजागर होने के बाद ऐसा किया गया है. चार्टर्ड एकाउंटेंट पवन कुमार पेरीवाल ने इस संबंध में सभी मीडिया […]
रांची: देश के एक प्रतिष्ठित व्यावसायिक बैंक की तरफ से अंकेक्षक को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का मामला सामने आया है. बैंक के रामगढ़ और पतरातू शाखा में अंकेक्षण के दौरान पायी गयी गड़बड़ियों के उजागर होने के बाद ऐसा किया गया है. चार्टर्ड एकाउंटेंट पवन कुमार पेरीवाल ने इस संबंध में सभी मीडिया को सूचित करते हुए पेशे से जुड़े प्रोफेशनल की आजादी के हनन की बातें कही है.
उन्होंने कहा है कि बैंक की दोनों शाखाओं से व्यापक पैमाने पर कर्ज दिये गये हैं, जो आज नन परफार्मिंग एसेट्स में तब्दील हो गये हैं. बैंक में मुख्य प्रबंधक स्तर के अधिकारी शाखा प्रबंधक हैं. बैंक प्रबंधन की तरफ से मेमोरेंडम ऑफ चेंजेज (एमओसी) की मांग की जा रही है.
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