रांची: राज्य सरकार की स्थानीय नीति के खिलाफ आदिवासी-मूलवासी जनसंगठनों का झारखंड बंद का मिलाजुला असर दिखा़ राज्य के विभिन्न जिलों से करीब 400 से अधिक बंद समर्थक गिरफ्तार किये गये. प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से पहले निरोधात्मक कार्रवाई के तहत 242 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इसमें सरायकेला से 120, जमशेदपुर से 80 और चाईबासा से 42 बंद समर्थक शामिल हैं. रांची के अरगोड़ा, लालपुर, कोतवाली और लोअर बाजार इलाके से 33 बंद समर्थक गिरफ्तार किये गये.
बंद के दौरान दिल्ली जा रही राजधानी एक्सप्रेस पर टाटीसिलवे और मूरी के बीच पथराव की सूचना है़ बंद समर्थकों ने धनबाद के तेलमोचो ब्रिज के पास सड़क जाम किया. वहीं, बरवड्डा में दिल्ली- कोलकाता एनएच- 2 भी लंबे समय तक जाम रहा़ रामगढ़ के दुलमी में सड़क जाम था़ बहरागोड़ा में बस का शीशा तोड़ने व दो बसों के टायर का हवा निकालने की सूचना है़ बोकारो में बंद समर्थकों ने धनबाद- पुरूलिया मार्ग को जाम किया. जमशेदुपर में बद समर्थकों ने एक बस, एक टैंकर व दो वाहनों में आग लगा दी़ पारंपरिक हथियार से लैस होकर लोगों ने पाकुड़- दुमका मार्ग को जाम कर दिया. वहीं दूसरी ओर गढ़वा, लातेहार, पलामू, गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा, खूंटी में बंद शांतिपूर्ण रहा.
राजधानी एक्सप्रेस पर पथराव, कई यात्री जख्मी
मुरी: रांची-नयी दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन पर रविवार की शाम कोच नंबर ए-6 पर अज्ञात लोगों ने पथराव कर दिया. घटना में खिड़की का शीशा टूट गया. इस दौरान यात्रा कर रहे सुजीत सिंह, आकांक्षा सिंह व अभिषेक सिंह घायल हो गये. घटना टाटीसिलवे व गंगाघाट के बीच हुई. ट्रेन के मुरी पहुंचने पर घायलों का इलाज ट्रेन में ही किया गया. ट्रेन की खिड़की के शीशे को मरम्मत कर दी गयी. बाद में सुरक्षा कारणों से डॉग स्क्वायड भी लाया गया. ट्रेन की बोगियों की बारीकी से जांच करने के बाद उसे रवाना किया गया. इस दौरान ट्रेन करीब 15 मिनट तक मुरी स्टेेशन पर खड़ी रही. मौके पर स्टेशन प्रबंधक, जीआरपी व आरपीएफ समेत सभी विभागों के दर्जन भर अधिकारी मौजूद थे. घटना के बाद ट्रेन के सभी यात्री सहमे हुए थे. यात्रियों ने कहा कि अब राजधानी जैसे ट्रेन में भी यात्रा करना सुरक्षित नहीं रह गया है.
जिलिंगगोड़ा में चंपई सोरेन रहे हाउस अरेस्ट
मुझे नजरबंद करने से नहीं रुकेगा विरोध, हिंसा पर यकीन नहीं, लोकतांत्रिक तरीके से विरोध जारी रहेगा : चंपई सोरेन
जमशेदपुर. कोल्हान बंद का आह्वान करनेवाले झामुमो के केंद्रीय उपाध्यक्ष सह सरायकेला विधायक चंपई सोरेन को रविवार तड़के झिलिंगगोड़ा स्थित आवास पर हाउस अरेस्ट (नजरबंद) कर दिया गया था. उनके महुलडीह कार्यालय के सामने कड़ी घेराबंदी प्रशासन ने की थी. प्रधानमंत्री की रवानगी के बाद पुलिस बल वहां से हटा और चंपई आवास से निकल पाये.
चंपई सोरेन ने अपने बयान में कहा कि उन्हें नजरबंद करने से विरोध नहीं रुकेगा. कोल्हान बंद ऐतिहासिक रहा. झामुमो ने ऐसी घेराबंदी की थी कि जमशेदपुर शहर पूरी तरह थम गया था. रघुवर सरकार की स्थानीय नीति से आदिवासी और मूलवासी गुस्से से उबल रहे हैं. झामुमो हिंसा पर यकीन नहीं करता. लोकतांत्रिक तरीके से विरोध चलेगा.
रांची में वाहनों का परिचालन सामान्य रहा
इधर बंदी के दौरान रांची में शांति रही. राजधानी की ज्यादातर दुकानें बंद नजर आयीं, वहीं सड़कों पर भी लोग कम दिखे़ वाहनों का परिचालन सामान्य रहा. खादगढ़ा बस स्टैंड से कम बसों का परिचालन हुआ़ छोटी दूरी की ज्यादातर बसें नहीं चलीं. रेलवे स्टेशन की स्थिति सामान्य थी. रविवार होने की वजह से अधिकतर दुकानें पहले से बंद थीं. कुछ बंद समर्थक विरोध करते हुए अलबर्ट एक्का चौक और अन्य स्थानों पर पहुंचे. पुलिस ने तत्काल गिरफ्तार कर लिया. बंद के दौरान रांची के किसी इलाके में जाम की समस्या उत्पन्न नहीं हुई.
कोकर में अाम रविवार की तरह कुछ दुकानें बंद और कुछ खुली दिखी़ं यही स्थित कांटाटोली चाैक और बहुबाजार की भी थी़ स्टेशन रोड के होटल व दुकानें खुली थी़ं एनएच- 33 पर रांची पुलिस की ओर से विशेष सुरक्षा की व्यवस्था की गयी थी. चांडिल बाजार भी खुला रहा. पुलिस प्रवक्ता एसएन प्रधान ने कहा कि बंद के दौरान करीब 400 से अधिक लोगों को निरोधात्मक कार्रवाई के तहत गिरफ्तार किया गया था. इधर, डीजीपी डीके पांडेय ने कहा : बंद के दौरान एक- दो घटनाओं को छोड़ कर बंद शांतिपूर्ण रहा. रांची और जमशेदपुर एसएसपी के अलावा सभी जिलों के एसपी ने अपने जिले में सुरक्षा के पुख्ता इंतेजाम किये थे.
बरियातू, करमटोली व मोरहाबादी में बंद का मिला जुला असर : बरियातू, करमटोली व मोरहाबादी में बंद का मिलाजुला असर रहा़ बरियातू में सुबह कुछ लोग बंद कराने निकले़ बंद समर्थकों ने कुछ दुकानों को बंद कराया़ सूचना मिलते ही पुलिस पहुंची और बंद समर्थकों का गिरफ्तार कर लिया़ .
इधर करमटोली में कुछ आदिवासी संगठन के कार्यकर्ता अग्रवाल नर्सिंग होम के पास से बंद कराने निकले़ करमटोली चौक के पास पुलिस ने उन बंद समर्थकों को गिरफ्तार लिया़ मोरहाबादी में टैगोर हिल रोड में हॉस्टल के कुछ युवक हाथ में डंडा लेकर बंद कराने निकले़ वे डंडा के बल पर दुकान बंद करा रहे थे़ उत्पात मचाने की सूचना पर पीसीआर वैन वहां पहुंचा़ बंद समर्थक को रोकने के दौरान समर्थक पीसीआर वैन में तैनात पुलिसकर्मी से उलझ गये़ बाद में पीसीआर में तैनात पुलिसकर्मियों ने लालपुर व बरियातू पुलिस को फोन किया़.
दोनाें थाना के थाना प्रभारियों ने बंद समर्थकों को समझाया और उनमें से पांच को हिरासत में लिया. दो बंद समर्थक पुलिस से नजर बचा कर फरार हो गये, जबकि तीन को गिरफ्तार कर कैंप जेल भेज दिया गया़ बंद समर्थकों की गिरफ्तारी के बाद दुकानें खुल गयी़ं शाम में सभी दुकान सामान्य दिनों की तरह खुली हुई थी़ं सभी व्यावसायिक वाहन सामान्य दिनों की तरह चल रहे थे़ मेडिकल चौक के लोगों ने कहा कि रविवार होने के कारण कई दुकानें बंद रहती है़ं इसलिए क्षेत्र में बंदी का कोई असर नहीं दिख रहा है़.
विफल रहा झारखंड जनाधिकार मंच का बंद : मनोज मिश्रा : भाजपा रांची महानगर अध्यक्ष मनोज मिश्रा ने कहा कि झारखंड जनाधिकार मंच की ओर से बुलाया गया बंद पूरी तरह से विफल रहा. राजधानी रांची में आम दिनों की तरह ही गाड़ियों का परिचालन हुआ. झामुमो की ओर से कोल्हान बंद का असर भी आमजन जीवन पर नहीं पड़ा. उन्होंने कहा कि जनता झामुमो की नौटंकी को समझ गयी है.
मेन रोड : बंद का आंशिक असर
मेन रोड में बंद का आशिंक असर देखा गया. लगभग सभी दुकानें खुली थीं. हालांकि अलबर्ट एक्का चौक पर पुलिस बल की तैनाती थी. हर आने-जाने वालाें पर कड़ी निगरानी रखी जा रही थी. निजी वाहन का परिचालन सामान्य था. दिन के 12 बजे तक दुकानें बंद रहीं. करीब 11 बजे बंद समर्थकों का हुजूम अलबर्ट एक्का चौक पर पहुंचा. जम कर नारेबाजी की. मौके पर मौजूद पुलिस बल ने उन्हें गिरफ्तार कर मोरहाबादी स्थित बिरसा मुंडा में बने कैंप जेल में ले गयी. समर्थकों की गिरफ्तारी सर्जना चौक व अलबर्ट एक्का चौक से हुई. दिन के करीब दो बजे दुकानें खुल चुकी थीं, लेकिन कुछ बड़ी दुकानें बंद रहीं. आदिवासी-मूलवासी जनाधिकार मंच द्वारा झारखंड बंद बुलाया गया था.
हिनू, डोरंडा : बंदी का असर नहीं
आदिवासी-मूलवासी जनाधिकार मंच द्वारा रविवार को आहूत झारखंड बंद का हिनू, डोरंडा में कोई असर नहीं दिखा. आम दिनों की तरह दुकानें खुलीं. हालांकि ऑटो व सिटी बस के नहीं चलने के करण सड़कों पर वाहनों की संख्या कम थी. बंदी को लेकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन को लेकर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी थी. हिनू चौक से एयरपोर्ट जानवाली सड़क पर बैरिकेटिंग की गयी थी. वहीं जगह-जगह पर जवानों की तैनाती थी. यहां बंद समर्थक सड़क पर नहीं निकल सके.
बंद का असर स्टैंड पर
रविवार की झारखंड बंद का असर आइटीआइ बस स्टैंड पर भी पड़ा. यहां से वाहनों का परिचालन कम हुआ. अहले सुबह गाड़ियां चलीं, पर बाद में काफी कम वाहन ही निकले. वहीं, दोपहर बाद परिचालन काफी प्रभावित हुआ. गाड़ियां खड़ी रहीं, पर यात्री नहीं आये. सामान्य दिनों की तुलना में काफी कम यात्री नजर आये.
रातू रोड : सामान्य रहा जनजीवन
आदिवासी-मूलवासी जनाधिकार मंच के द्वारा आहूत बंद का रातू रोड पर प्रभाव नहीं पड़ा. रविवार होने की वजह से क्षेत्र में अधिकांश दुकानें स्वत: बंद थीं. रातू रोड से पिस्कामोड़ तक अॉटो व अन्य वाहन चले. लोग निजी वाहनों से भी निकले. बजरा आइटीआइ के पास स्थित बस स्टैंड से भी बस अौर छोटे सवारी वाहन चले. रातू रोड चौराहा के पास पुलिसकर्मियों की तैनाती की गयी थी. इसके अलावा पीसीआर वैन भी इलाके में गश्त करते रहे.
33 कार्यकर्ता गिरफ्तार, रिहा
बंद कराने निकले मुख्य संयोजक राजू महतो, आजम अहमद, अनथन लकड़ा, कूलन पतरस आइंद, धर्मदेव साहू, मो इमरान, मो तनवीर, रामपदो महतो, कमलेश राम, ओम प्रकाश महतो, रवि पीटर, रंजीत लोहरा, कयूम अंसारी, राजेंद्र किसपोट्टा, जीतेंद्र महतो, लाडले खान, प्रदीप साहू, अमर कुमार, महेश महतो, इमरान खान, महेश साहू, ओम प्रकाश सहित 33 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया़ राजू महतो ने बताया कि उन्हें गिरफ्तार कर मोरहाबादी कैंप जेल में रखा गया, जहां से उन्हें शाम पांच बजे रिहा किया गया़