रांची: किसी भी मुकदमे के त्वरित निष्पादन पर झारखंड हाइकोर्ट जोर देता है. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह द्वारा भी समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी किया जाता रहा है. ऐसे कई मामले पुलिस पदाधिकारी आैर अभियोजन पक्ष की लापरवाही के कारण वर्षों से लंबित रहते हैं. न्यायिक प्रक्रिया में वर्षों तक तारीखों पर तारीख चलते रहती है. […]
रांची: किसी भी मुकदमे के त्वरित निष्पादन पर झारखंड हाइकोर्ट जोर देता है. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह द्वारा भी समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी किया जाता रहा है. ऐसे कई मामले पुलिस पदाधिकारी आैर अभियोजन पक्ष की लापरवाही के कारण वर्षों से लंबित रहते हैं. न्यायिक प्रक्रिया में वर्षों तक तारीखों पर तारीख चलते रहती है. ऐसा ही राजधानी का चर्चित मामला पंजाब स्वीट्स के संचालक का बेटा अभिमन्यु भाटिया उर्फ लव भाटिया अपहरण से जुड़ा मुकदमा का है.
पिछले लगभग सात वर्षों से इस मुकदमे में तारीख पर तारीख पड़ रही है. ट्रायल पहले स्टेज पर है. वर्तमान में यह मामला आरोपियों की उपस्थिति पर चल रहा है, जो न्यायिक प्रक्रिया का प्रथम स्टेज है. जब तक मामले के सभी आरोपी कोर्ट में अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराते, तब तक मुकदमा आगे नहीं बढ़ सकता है. बताया जाता है कि फरार आरोपियों की फाइल अलग कर मुकदमे को आगे बढ़ाया जा सकता है, लेकिन ऐसा अभियोजन पक्ष की अोर से नहीं किया जा रहा है. इस कारण मामला एक ही स्टेज पर वर्षों से लंबित चल रहा है.
क्या है मामला
पंजाब स्वीट्स के आशीष भाटिया का बेटा लव भाटिया का फिरौती के लिए 30 जुलाई 2009 को सुजाता चौक के समीप से रात लगभग 11 बजे के आसपास अपहरण कर लिया गया था. लव भाटिया दुकान बंद कर घर जा रहे थे. इस घटना के दूसरे दिन 31 जुलाई 2009 को लोअर बाजार थाना (कांड संख्या 168/09) में प्राथमिकी दर्ज की गयी. तत्कालीन एसएसपी प्रवीण कुमार की अगुवाई में बनी टीम ने लव भाटिया को धुर्वा स्थित एक क्वाटर से मुक्त करवाया. इसमें दो अपरहणकर्ताओं को गोली लगने से माैत हो गयी थी.
जांच अधिकारी सुशील पाठक ने मामले में 29 अक्तूबर 2009 को दस आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया. इसमें से अरविंद राय, संतोष उर्फ अमित कुमार, राकेश कुमार, राजू चौबे उर्फ राजेंद्र चौबे, राजेश कुमार, शैलेश सिंह, आलोक प्रसाद सिंह, राकेश शर्मा, चंदन सोनार व संदीप सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया गया. इसमें से राकेश कुमार, राजू चौबे उर्फ राजेंद्र चौबे, अरविंद राय, संतोष उर्फ अमित कुमार, राजेश कुमार वर्तमान में जमानत पर है. आरोपी चंदन सोनार, संतोष व राजेश कुमार द्वारा उपस्थिति दर्ज करवाया जा रहा है, जबकि अन्य शेष आरोपी फरार हैं.