अब अपमान से पूरा राज्य शर्मसार है़ मौके पर ललित ओझा, रवि सिंह, विवेक सिंह, ज्ञान सिन्हा, रमेश गुप्ता, निक्की शर्मा, राहुल शर्मा, आशीष कुमार पांडेय, सुमित पांडेय, मनीष सिंह, सुनील यादव,हरीश कुमार, इमरान आदि थे़
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तिरंगा फहराने के नियमों की उड़ रही धज्जियां
रांची : पहाड़ी मंदिर पर तिरंगा फहराने के लिए राष्ट्रीय ध्वज संहिता, 2010 (नेशनल फ्लैग कोड, 2010) द्वारा निर्धारित नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है. ध्वज संहिता के नियमों के उल्लंघन को राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के रूप में देखा जा रहा है. पहाड़ी मंदिर समिति द्वारा कई िदनाें तक फटा तिरंगा लहराया गया. […]
रांची : पहाड़ी मंदिर पर तिरंगा फहराने के लिए राष्ट्रीय ध्वज संहिता, 2010 (नेशनल फ्लैग कोड, 2010) द्वारा निर्धारित नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है. ध्वज संहिता के नियमों के उल्लंघन को राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के रूप में देखा जा रहा है. पहाड़ी मंदिर समिति द्वारा कई िदनाें तक फटा तिरंगा लहराया गया. देश में कोई शोक की स्थिति नहीं होने पर भी चार दिनों से राष्ट्रीय ध्वज को झुका कर फहराया जा रहा है. सोशल मीडिया पर इसकी तसवीरें कई सप्ताह से लगातार शेयर की जा रही हैं. बावजूद इसके पहाड़ी मंदिर समिति या जिला प्रशासन चुप बैठा है.
पहाड़ी मंदिर में अधूरा फहरा रहा तिरंगा दो दिनों के प्रयास के बाद भी उतारा नहीं जा सका. मंगलवार को समिति के सदस्यों के अलावा मेकन के इंजीनियरों का दल पूरे दिन लगा रहा, लेकिन वे तिरंगे को नीचे उतारने में असफल रहे. इस संबंध में पहाड़ी मंदिर विकास समिति के प्रवक्ता मुकेश अग्रवाल ने बताया कि ऊपर जाकर तिरंगा उलझ गया है. इस वजह से उसे उतारने में परेशानी हो रही है. वॉलमान्ट कंपनी के पदाधिकारियों को भी बुलाया गया है. वे अपने तरीके से तिरंगे को उतारने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि तिरंगे को उतारने का प्रयास लगातार जारी है. जल्द ही सबकुछ सामान्य हाे जायेगा.
क्या है नियम और क्या हो रहा है
राष्ट्रीय ध्वज संहिता, 2010
तिरंगा सूत, ऊन, कॉटन, सिल्क या खादी के कपड़े का होगा.
पहाड़ी मंदिर में क्या
राष्ट्रीय ध्वज पैराशूट के कपड़े जैसी सामग्री से बना है.
राष्ट्रीय ध्वज संहिता, 2010
किसी भी स्थान पर फटा हुआ तिरंगा नहीं फहराया जाना चाहिए.
पहाड़ी मंदिर में क्या
अब तक कुल चार बार फटा झंडा फहराता हुआ छोड़ दिया गया. पहाड़ी मंदिर पर कई दिनों तक तक फटा झंडा फहराया जाता रहा है.
राष्ट्रीय ध्वज संहिता 2010
झंडा के फट या खराब हो जाने की स्थिति में उसे एकांत में नष्ट कर देना चाहिए. तिरंगे की भावना का सम्मान करते हुए उसे जला कर या अन्य तरीकों से नष्ट किया जा सकता है.
पहाड़ी मंदिर में क्या
पहाड़ी मंदिर की कमेटी फटे झंडे की मरम्मत कर उसे फहराती है. झंडे को नष्ट करने के तरीके पर विचार नहीं किया गया है.
राष्ट्रीय ध्वज संहिता, 2010
राष्ट्रीय शोक की स्थिति में झंडा झुकाया (आधे में फहराया) जा सकता है.
पहाड़ी मंदिर में क्या
पिछले चार दिनाें से पहाड़ी मंदिर में झंडा झुका कर फहराया जा रहा है. हालांकि देश में राष्ट्रीय शोक जैसी कोई स्थिति की घोषणा नहीं की गयी है.
तिरंगे के अपमान पर आजसू ने किया प्रदर्शन, कहा: कार्रवाई हो
तिरंगा का अपमान बरदाश्त नहीं करेंगे: मुनचुन राय
रांची. पहाड़ी मंदिर में फटे हुए तिरंगे को नियमानुकूल नहीं फहराये जाने के खिलाफ आजसू पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को प्रदर्शन किया़ आजसू महानगर अध्यक्ष श्री मुनचुन राय के नेतृत्व में तिरंगे झंडे के अपमान के विरोध में मेन रोड के शहीद स्मारक से अलबर्ट एक्का चौक तक विरोध मार्च निकाला गया़ कार्यकर्ता हाथों में नारे लिखे तख्तियां लिये हुए थे़ श्री राय ने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज का लगातार अपमान हो रहा है़ यह गंभीर मामला है़ तिरंगे का अपमान बरदाश्त नहीं करेंगे. रवि सिंह ने कहा कि पहाड़ी मंदिर में जब देश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया था, तब पूरे राज्य के लोगों ने गौरव महसूस किया था़
अब अपमान से पूरा राज्य शर्मसार है़ मौके पर ललित ओझा, रवि सिंह, विवेक सिंह, ज्ञान सिन्हा, रमेश गुप्ता, निक्की शर्मा, राहुल शर्मा, आशीष कुमार पांडेय, सुमित पांडेय, मनीष सिंह, सुनील यादव,हरीश कुमार, इमरान आदि थे़
पहाड़ी मंदिर पर जिस हालत में तिरंगा फहराया जा रहा है, उसे मैं तिरंगे का अपमान समझता हूं. मैं इस पर अपना विरोध जताता हूं. मेरी समझ में रांची के उपायुक्त और अनुमंडल पदाधिकारी सीधे तौर पर राष्ट्रीय ध्वज के इस अपमान के जिम्मेवार हैं.
सीपी सिंह, नगर विकास मंत्री झारखंड
प्रयास अच्छा था. भावना में कमी नहीं है. तकनीकी कारणों से सफल नहीं हो पा रहे हैं. समाधान निकालने का प्रयास चल रहा है. प्रबंधन झंडे को सम्मान नहीं दे पा रहा है, तो उसे उतार लेना चाहिए. वर्तमान स्थिति का जिम्मेवार मंदिर समिति और प्रबंधन है.
अमर बाउरी, पर्यटन व कला संस्कृति मंत्री झारखंड
कानूनी रूप से सही नहीं पर समय देना होगा
पहाड़ी मंदिर पर तिरंगे की स्थिति कानूनी रूप से सही नहीं है. चीजों को केवल नकारात्मक नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए. तकनीकी कारणों को ठीक करने के लिए थोड़ा समय देना चाहिए. समस्या के निदान का लगातार प्रयास किया जा रहा है. समस्या के निदान के लिए वोलेंटियर्स को भी आगे आना चाहिए.
अजीत कुमार, अपर महाधिवक्ता झारखंड
तकनीकी कारणों से हो रही है परेशानी
फटा झंडा उतार लिया गया था. उसके बाद नया झंडा फहराया जा रहा था. लेकिन चकरी में खराबी आ जाने की वजह से झंडा बीच में ही फंस गया है. उसे ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है. झंडे का अपमान करने की मंशा किसी की नहीं है. तकनीकी कारणों से परेशानी हुई है.
मनोज कुमार, उपायुक्त रांची
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