रांची: माले ने कहा है कि मुजफ्फनगर दंगा सांप्रदायिक उन्माद का परिणाम है. उन्माद की राजनीति के नये दौर की शुरुआत है. माले कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को राज्य भर में मुजफ्फरपुर दंगा और बंगाल में बलात्कारियों की गिरफ्तारी को लेकर न्याय मार्च निकाला.
राज्य भर में माले कार्यकर्ताओं ने मार्च, प्रदर्शन और धरना के माध्यम से मुजफ्फरनगर में राहत, पुनर्वास और सुरक्षा की गारंटी मांगी. वहीं बंगाल सरकार से पिछले दिनों कोलकाता में सामूहिक दुष्कर्म और बाद मेंपीड़िता की हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की गयी. माले नेता यूपीए और बंगाल की सरकार पर बरसे और सरकार के विरोध में नारेबाजी की.
राजधानी में पार्टी कार्यालय महेंद्र सिंह भवन से कार्यकर्ताओं ने न्याय मार्च निकाला. डेली मार्केट, मेन रोड होते हुए कार्यकर्ता अलबर्ट एक्का चौक पहुंचे. वहां सभा को संबोधित करते हुए माले राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद ने कहा कि मुजफ्फरनगर में गुजरात के बाद दूसरी सबसे बड़ी सुनियोजित घटना है. सांप्रदायिक उन्माद की राजनीति हुई है. उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में सांप्रदायिक दंगों का वीभत्स विस्तार हुआ है.
माले नेता बहादुर उरांव ने कहा है कि मुजफ्फरनगर दंगा व कोलकाता में बलात्कार की घटना केंद्र व राज्य सरकार की साझा देन है. माले ऐसे दोहरे चरित्रवाली पार्टियों को बेनकाब करेगी. केंद्रीय कमेटी के सदस्य शुभेंदु सेन, अनंत प्र. गुप्ता, भुनेश्वर केवट, सुदामा खलखो, फ्रांसिस मिंज, इनामुल हक, निखत प्रवीण, ऐति तिर्की, प्रताप चौधरी, शोभा प्रसाद, शांति सेन, अबरार अहमद ने संबोधित किया.
दीपंकर भट्टाचार्य लेकर जायेंगे राहत साम्रगी
माले की ओर से राज्य भर में मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों के लिए राहत सामग्री और राशि जुटायी जा रही है. राहत सामग्री की पहली खेप भेजी भी जा चुकी है. राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद ने कहा कि राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य राहत सामग्री की दूसरी खेप लेकर जायेंगे. राहत राशि के संग्रह का अभियान चलाया जायेगा.