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सेवाओं को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में बदलना ही होगा

रांचीः भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आइटी मंत्रालय के निदेशक गौरव द्विवेदी ने कहा : केंद्र सरकार नेशनल इ-गवर्नेस प्रोग्राम के जरिये सभी राज्यों को जोड़ने की कोशिश कर रही है. आइटी सर्विस डिलिवरी सिस्टम ने जीवन को आसान बना दिया है. घर बैठे रेल का टिकट कटाना लोगों को मिल रही सहूलियत का सटीक […]

रांचीः भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आइटी मंत्रालय के निदेशक गौरव द्विवेदी ने कहा : केंद्र सरकार नेशनल इ-गवर्नेस प्रोग्राम के जरिये सभी राज्यों को जोड़ने की कोशिश कर रही है. आइटी सर्विस डिलिवरी सिस्टम ने जीवन को आसान बना दिया है. घर बैठे रेल का टिकट कटाना लोगों को मिल रही सहूलियत का सटीक उदाहरण है. पहले सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने या सरकार से किसी तरह का प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए फॉर्म भरना ही कठिन होता था.

वहीं, सरकारी बाबू इस फॉर्म में गलती बताकर उसे रिजेक्ट कर देते थे. कई जगहों पर अभी भी ऐसा होता है. लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए तकनीक का इस्तेमाल करना होगा. तकनीक के इस्तेमाल से ही चीजों को सरल बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स सर्विस डिलिवरी बिल बनाया है. इस बिल के तहत सभी तरह की सेवाओं को इलेक्ट्रॉनिक्स फार्म में बदलना होगा. इससे कार्य सरल होगा और सरकारी योजनाओं व सेवाओं का लाभ शत-प्रतिशत एवं सही लोगों तक पहुंचेगा. श्री द्विवेदी ने उदाहरण देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में पीडीएस सिस्टम के पूर्ण कंप्यूटरीकरण करने और उसे आधार से जोड़ने पर पता चला कि तीन लाख से अधिक फरजी राशन कार्डधारी सरकारी सेवा का अनुचित लाभ उठा रहे थे.

100 करोड़ से अधिक राशि का बंदरबांट लोगों ने किया था. आज छत्तीसगढ़ के लगभग 34 लाख पीडीएस लाभुकों में से 90 फीसदी संतुष्ट हैं. वहीं, देश में पीडीएस सिस्टम से संतुष्ट रहने वालों का प्रतिशत केवल 30 से 40 फीसदी ही है. उन्होंने कहा : इ-गवर्नेस के लिए देश के ग्रामीण इलाकों में कनेक्टिविटी बड़ी समस्या है. इससे निपटने के लिए सरकार ने 1.30 लाख कॉमन सर्विस सेंटर तैयार किया है. भविष्य में इन सेंटरों की संख्या और अधिक बढ़ायी जायेगी. मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वाले लोगों की बढ़ती संख्या के कारण तकनीक से जुड़ने वाले लोगों में गुणात्मक वृद्धि हुई है. इस वजह से अब मोबाइल फ्रेंडली फॉरमेट में सर्विस सिस्टम विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है.

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