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एसीबी को मिले पुलिस और अपराधियों के गंठजोड़ के साक्ष्य
रांची: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को जांच के दौरान पुलिस और अपराधियों के बीच गंठजोड़ से संबंधित साक्ष्य मिले हैं. एसीबी को जो साक्ष्य मिले हैं, उसके अनुसार आर्म्स एक्ट के आरोपी लड्डू खान और बबलू खान के बीच कांके के चौड़ी में जमीन को लेकर विवाद था. प्राथमिकी में हथियार के साथ गिरफ्तार दिखाया […]
रांची: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को जांच के दौरान पुलिस और अपराधियों के बीच गंठजोड़ से संबंधित साक्ष्य मिले हैं. एसीबी को जो साक्ष्य मिले हैं, उसके अनुसार आर्म्स एक्ट के आरोपी लड्डू खान और बबलू खान के बीच कांके के चौड़ी में जमीन को लेकर विवाद था. प्राथमिकी में हथियार के साथ गिरफ्तार दिखाया गया सिर्फ बबलू खान काे, जबकि लड्डू खान भी बबलू के पास ही खड़ा था. पुलिस ने प्राथमिकी में इस बात का उल्लेख किया कि लड्डू खान भागने में सफल रहा. सिर्फ यही नहीं पुलिस ने बबलू खान के अलावा जिन लोगों को पकड़ा था, पुलिस ने उसे बाद में छोड़ दिया.
एसीबी के अधिकारियों के अनुसार मामले को लेकर जब 35 अार्म्स एक्ट के अंतर्गत केस दर्ज किया था, तब यह स्पष्ट है कि बबलू खान के साथ पकड़े गये लोगों को इस बात की जानकारी थी कि बबलू के पास हथियार है. इसलिए पुलिस को सभी लोगों को अार्म्स एक्ट में जेल भेजना चाहिए, लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया. लड्डू खान और बबलू खान के बीच जमीन को लेकर विवाद था. बबलू खान लड्डू के काम में बाधाक था. इसलिए पुलिस ने मामले में एक पक्षीय कार्रवाई कर लड्डू खान को लाभ पहुंचाया. एसीबी को जांच में यह भी पता चला है कि जमीन को लेकर बिल्डर सुनील रुद्र के साथ लड्डू खान के साथ एग्रीमेंट था. सुनील रुद्र ने जमीन में रुपये निवेश किये थे. सुनील ने घटना के दिन सिटी डीएसपी से फोन पर बातचीत की थी, लेकिन एसीबी के अधिकारियों के समाने पूछताछ में सुनील रुद्र डीएसपी से संपर्क की बात काे इनकार कर चुके हैं. उल्लेखनीय है कि मामले में पुलिस और अपराधियों के बीच गठजोड़ होने की बात समाने आयी थी, जिसके बाद मुख्य सचिव ने जांच की जिम्मेवारी एसीबी को सौंप दी थी.
जमीन पर काम कराता रहा लड्डू
एसीबी के अधिकारियों को जांच के दौरान स्थानीय लोगों ने यह भी बताया कि बबलू खान के जेल जाने के बाद लड्डू खान रोजाना हथियार लेकर अपने कुछ सहयोगियों के साथ जमीन पर पहुंचता था. उसने जमीन में जेसीबी चलवा कर काम भी कराया. इसके बावजूद पुलिस ने उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की. एसीबी को जांच के दौरान यह भी जानकारी मिली है कि विवादित जमीन पर पहले से धारा 144 लागू थी, जमीन को लेकर कोई विवाद न हो. इसका ध्यान पुलिस को रखना चाहिए था, लेकिन पुलिस ने मामले में पहले कार्रवाई नहीं की.
डीएसपी से लेकर जमादार तक बताया खुद को निर्दोष, कार्रवाई के बारे में नहीं है पता
एसीबी के अधिकारी मामले में डीएसपी मुकेश कुमार और सुदर्शन आस्तिक के अलावा जमादार सचित मुर्मू और अन्य लोगों से पूछताछ कर चुके हैं. जिसमें दोनों डीएसपी अपने आप को निर्दोष बता चुके हैं. मामले में डीएसपी मुकेश ने बताया है कि उनके थाना पहुंचने से पहले जब्ती सूची तैयार की जा चुकी थी, जबकि डीएसपी सुदर्शन आस्तिक ने बताया है कि उन्होंने सिर्फ पकड़ कर सभी लोगों को कांके थाना की पुलिस को सौंप दिया था. मामले में आगे क्या कार्रवाई हुई, इसके संबंध में वे नहीं जानते हैं, जबकि जमादार ने अपने बयान में बताया कि सबकुछ वरीय पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर भी हुआ है. वे मामले में ज्यादा नहीं जानते हैं.
कांके थाना में पदस्थापित जमादार सचित मुर्मू के बयान पर केस दर्ज हुआ
19 अक्तूबर को जमीन विवाद को लेकर लड्डू खान और बबलू खान अपने सहयेागी के साथ चौड़ी पहुंचे थे. इसी बीच सिटी डीएसपी सुदर्शन आस्तिक को सूचना मिली कि कुछ लोग जमीन विवाद में हथियार लेकर पहुंचे हैं. उन्होंने छापेमारी कर बबलू खान सहित सात लोगों को पकड़ा. वे सभी को पकड़ कर कांके थाना ले गये. बबलू के पास से एक हथियार भी बरामद हुआ. जिसके बाद कांके थाना में पदस्थापित जमादार सचित मुर्मू के बयान पर केस दर्ज हुआ, जिसमें हथियार के साथ गिरफ्तार दिखाया गया बबलू खान और लड्डू खान के भाग जाने का उल्लेख जमादार ने अपने बयान में किया.
लड्डू खान फरार था
मामले में पुलिस के स्तर से एक पक्षीय कार्रवाई नहीं हुई है. अनुसंधान के दौरान लड्डू खान के खिलाफ छापेमारी की गयी थी, लेकिन वह फरार मिला. पुलिस उसके खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है.
मुकेश कुमार, डीएसपी मुख्यालय
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