रांची : संताल परगना में अविक्रयशील (जिसकी बिक्री नहीं की जा सकती) कृषि भूमि की दर सबसे अधिक साहेबगंज जिले में है़ यहां पांच लाख 21 हजार 972 रुपये प्रति एकड़ की दर निर्धारित की गयी है. वहीं गोड्डा में सबसे कम दो लाख 71 हजार 500 रुपये प्रति एकड़ (2715.00 रुपये प्रति डिसमिल) की दर निर्धािरत है.
देवघर में 3268 रुपये प्रति डिसमिल िनर्धारित है. यह दर उद्योगों के लिए है़ संताल में उद्योग लगाने में सबसे बड़ी अड़चन एसपीटी एक्ट है़ इस एक्ट के तहत जमीन की बिक्री नहीं की जा सकती़ ऐसे में सरकार की ओर से कृषि की वैसी भूमि की दर निर्धारित की गयी है, जिसे सरकार अधिग्रहित कर उद्योगों को दे सकती है़ दर का निर्धारण विभाग की ओर से 28 अक्तूबर 2015 को जारी अधिसूचना के आधार पर किया गया है़ गोड्डा ने 10 नवंबर को, जामताड़ा ने 24 नवंबर को व देवघर ने 20 नवंबर 2015 को दर निर्धारण का आदेश जारी किया.
कमेटी की अनुशंसा के आधार पर तय की दर : संताल परगना में कई बड़ी कंपनियों की परियोजनाएं प्रस्तावित हैं. उनके समक्ष भूमि की समस्या थी. इसके निदान के लिए सरकार ने वित्त विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनायी. इसमें कृषि सचिव, उद्योग सचिव, भू-राजस्व सचिव व निबंधन सचिव को सदस्य के रूप में रखा गया.
समिति की पहली बैठक 29 जुलाई को व दूसरी बैठक सात अक्तूबर 2015 को हुई. समिति के गठन के उद्देश्य के बारे में कहा गया कि संताल परगना के कुछ क्षेत्रों को छोड़ कर कृषि भूमि (रैयती भूमि) हस्तांतरणीय नहीं है. इस कारण कृषि, आवासीय, औद्योगिक और व्यावसायिक श्रेणी की भूमि का न्यूनतम मूल्य निर्धारण संभव नहीं है. अत: संताल परगना प्रमंडल में ग्रामीण क्षेत्र की भूमि के न्यूनतम मूल्य निर्धारण की प्रक्रिया में संशोधन की आवश्यकता को देखते हुए 17 जुलाई 2015 को कमेटी का गठन किया गया. कमेटी ने 14 अक्तूबर 2015 को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी.
क्या पाया कमेटी ने : कमेटी की पहली बैठक में पाया गया कि देवघर के मोहनपुर अंचल में रैयती भूमि अविक्रयशील होने के कारण इसकी दर बसौढ़ी भूमि के मूल्य का आधा मान कर तय की गयी है, जो काफी अधिक है और नियमानुकूल नहीं है. इसलिए गोड्डा जिले से सटे बांका और भागलपुर में कृषि श्रेणी की भूमि का मूल्य प्राप्त करने की बात कही गयी. बैठक में राजस्व पर्षद की सदस्य स्मिता चुघ की अध्यक्षता में 25.5.2011 को उद्योगों को निबंधन और स्थापना में हो रही दिक्कतों के समाधान के लिए आयोजित बैठक की कार्यवाही पर भी चर्चा हुई. उक्त बैठक में पाया गया था कि रियाडा, आयडा और बियाडा जैसे अौद्योगिक क्षेत्र की तुलना में संताल परगना में जमीन की दर काफी अधिक है. आदित्यपुर में वर्ष 2010 में दर 6.56 लाख से 15.19 रुपये एकड़ थी. रियाडा में 1.5 लाख से 12.50 लाख रुपये एकड़ की थी. कहा गया था कि ऐसे में भूखंड का वास्तविक मूल्य निर्धारण नहीं होने से औद्योगिक व पर्यटन विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है.
इसके बाद वित्त सचिव की अध्यक्षतावाली कमेटी ने तय किया कि निकटवर्ती पड़ोसी क्षेत्र में स्थित भूमि का औसत विक्रय मूल्य प्राप्त कर कृषि भूमि का मूल्य निर्धारित किया जा सकता है. साथ ही एक फार्मूला यह भी तय किया गया कि फसल उपज से शुद्ध प्रति एकड़ निकाल कर उसका 15 गुना भूमि का मूल्य निर्धारित किया जाो. इसके बाद भू राजस्व विभाग ने 28.10.2015 को एक अधिसूचना जारी कर झारखंड मुद्रांक(लिखत का न्यून मूल्यांकन निवारण)(संशोधन) नियमावली 2015 में संशोधन करते हुए संताल परगना में अविक्रयशील कृषि भूमि का न्यूनतम मूल्य निर्धारित करने का आदेश जारी किया.
कैसे किया गया निर्धारित : विभाग की ओर से जारी आदेश में लिखा गया है कि यदि किसी मौजा में अविक्रयशील कृषि भूमि का न्यूनतम मूल्य निर्धारित करना है, तो समीपवर्ती मौजा (जहां कृषि भूमि विक्रयशील है) की कृषि भूमि के 15 डिसमिल से अधिक भूमि के हस्तांतरण दस्तावेजों में अंकित भूमि की माप और मूल्य के औसत के आधार पर न्यूनतम मूल्य का निर्धारण किया जाये. यदि समीपवर्ती मौजा में भी विक्रयशील कृषि भूमि नहीं हो तो समीपवर्ती अंचल या अनुमंडल या जिलों के औसत मूल्य पर न्यूनतम मूल्य का निर्धारण किया जाये.
जिलों को आधार बना कर किया मूल्य का निर्धारण
विभाग के आदेश को आधार बनाते हुए देवघर के जिला अवर निबंधक ने दुमका, पाकुड़ और राजमहल से प्राप्त औसत मूल्यों को आधार बनाते हुए देवघर की कृषि भूमि का न्यूनतम मूल्य 3268.84 रुपये प्रति डिसमिल निर्धारित कर दी. इसी तरह गोड्डा में दुमका, पाकुड़ और साहेबगंज जिले को आधार बना कर 2715 रुपये प्रति डिसमिल दर निर्धारित की. इसी तरह अन्य जिलों ने भी दर का निर्धारण किया गया़
…और इधर
देवघर में ही वर्ष 2014-15 में एनएचएअाइ के लिए भूमि की दर 55 लाख रुपये प्रति एकड़ निर्धारित की गयी थी.
रांची औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार (रियाडा) की ओर से हाल ही में अभी नौ कंपनियों को प्लॉट का आवंटन किया गया.
कोकर औद्योगिक क्षेत्र में रियाडा ने 1.25 करोड़ रुपये प्रति एकड़, नामकुम इंडस्ट्रियल एरिया में 80 लाख रुपये प्रति एकड़, तुपुदाना में 43 लाख रुपये व पतरातू में 18.49 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर निर्धारित की गयी है.
एचइसी से भी सरकार एक करोड़ 10 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से जमीन लेने जा रही है़