रांची: कोडरमा जिला में पदस्थापित रहे बीडीओ सुनील सिंह को बचाने के लिए निगरानी ब्यूरो में पदस्थापित इंस्पेक्टर टुनटुन सिंह (अब सेवानिवृत्त) ने गलत जांच रिपोर्ट तैयार की थी. बीडीओ पर वर्ष 2004 में निगरानी में जांच संख्या 02/04 के अंतर्गत प्रारंभिक जांच के लिए मामला दर्ज हुआ था. बीडीओ सहित अन्य लोगों पर सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी में शामिल होने का आरोप था, जिसकी जांच निगरानी कर रही थी. योजना में तकनीकी गड़बड़ी होने के कारण निगरानी ने मामले की जांच की जिम्मेवारी मंत्रिमंडल विभाग तकनीकी परीक्षण कोषांग को सौंपी.
कोषांग के मुख्य अभियंता ने पाया कि आठ विभिन्न सरकारी योजनाओं सात योजनाओं में गड़बड़ी हुई. तकनीकी परीक्षण कोषांग ने इसके लिए तत्कालीन बीडीओ को जिम्मेवार बताया, लेकिन जांच के दौरान इंस्पेक्टर ने तकनीकी परीक्षण कोषांग की रिपोर्ट को छिपा कर गलत जांच प्रतिवेदन तैयार किया.
इंस्पेक्टर ने लिखा कि बीडीओ पर गड़बड़ी में शामिल होने का आरोप प्रमाणित नहीं होता. इंस्पेक्टर ने जांच प्रतिवेदन के पारा संख्या 327- 324 में लिखा कि अनुसंधान सभी बिंदुओं पर पूर्ण है, इसलिए जांच को बंद की जा सकती है. जबकि निगरानी मंत्रिमंडल के तकनीकी परीक्षक कोषांग की जांच रिपोर्ट की पारा संख्या 51-46 के बीच स्पष्ट उल्लेख है योजनाओं में गड़बड़ी हुई है.