इस संबंध में विभाग के उप सचिव/ संयुक्त सचिव ने फाइल पर लिखा (दिनांक – 4.4.14) था कि निदेशक प्रमुख ने अौषधि नीति के विभिन्न प्रावधान के संदर्भ में संबंधित संचिका कभी भी सरकार के समक्ष उपस्थापित नहीं की. वर्तमान निविदा-2013 में अंकित दर 134.40 रु से अधिक दर 210 रु प्रति वॉयल पर एंटी रैबिज खरीद के लिए येन-केन-प्रकारेण अवधि विस्तार दी जाती रही. इससे सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ़ इसके लिए निविदा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष (निदेशक प्रमुख डॉ प्रवीण चंद्र) दोषी प्रतीत होते हैं.
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दवा खरीद में डॉ प्रवीण पर गड़बड़ी का आरोप
रांची: निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य डॉ प्रवीण चंद्र पर एंटी रैबिज वैक्सिन की खरीद में गड़बड़ी का आरोप है. उन पर इस खरीद से संबंधित निविदा की वैधता (अवधि) समाप्त हो जाने के बाद अत्यावश्यक बता कर इसी दर पर अागे भी एंटी रैबिज वैक्सिन खरीदने का आरोप है. इससे सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ. […]
रांची: निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य डॉ प्रवीण चंद्र पर एंटी रैबिज वैक्सिन की खरीद में गड़बड़ी का आरोप है. उन पर इस खरीद से संबंधित निविदा की वैधता (अवधि) समाप्त हो जाने के बाद अत्यावश्यक बता कर इसी दर पर अागे भी एंटी रैबिज वैक्सिन खरीदने का आरोप है. इससे सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ.
इस संबंध में विभाग के उप सचिव/ संयुक्त सचिव ने फाइल पर लिखा (दिनांक – 4.4.14) था कि निदेशक प्रमुख ने अौषधि नीति के विभिन्न प्रावधान के संदर्भ में संबंधित संचिका कभी भी सरकार के समक्ष उपस्थापित नहीं की. वर्तमान निविदा-2013 में अंकित दर 134.40 रु से अधिक दर 210 रु प्रति वॉयल पर एंटी रैबिज खरीद के लिए येन-केन-प्रकारेण अवधि विस्तार दी जाती रही. इससे सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ़ इसके लिए निविदा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष (निदेशक प्रमुख डॉ प्रवीण चंद्र) दोषी प्रतीत होते हैं.
बगैर लाइसेंस की कंपनी की दवा बांटी
इससे पहले डॉ प्रवीण चंद्र ने एक सब स्टैंडर्ड आयुर्वेदिक दवा पुनर्निवादी मंडूर के 10 लाख टैबलेट का पूरे राज्य में वितरण करवाया था. वर्ष 2009 में बनी तथा जनवरी 2012 की एक्सपायरी डेट वाली यह दवा तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव प्रदीप कुमार के कार्यकाल में खरीदी गयी थी. सीबीआइ जांच की वजह से इसका वितरण नहीं हो सका था. सीबीआइ के अनुसार यह दवा बनानेवाली उत्तर प्रदेश की कंपनी के पास इसे बनाने का लाइसेंस ही नहीं था. यह दवा अवैध व सब स्टैंडर्ड थी. नियमानुसार ऐसी दवा का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.
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