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प्रभात खबर को पाठकों ने भेजी अपनी प्रतिक्रिया, विधायक फंड के काम की जांच हो

रविवार को प्रभात खबर में 15 साल में अाठ गुणा बढ़ा विधायक फंड शीर्षक से खबर छपी़ इस खबर पर प्रभात खबर के दफ्तर में दर्जनों पाठकों की प्रतिक्रिया आयी है़ इनमें से हम कुछ की प्रतिक्रिया प्रकाशित कर रहे है़ं पाठकों की राय है कि विधायक फंड के कार्यों की कड़ी निगरानी होनी चाहिए […]

रविवार को प्रभात खबर में 15 साल में अाठ गुणा बढ़ा विधायक फंड शीर्षक से खबर छपी़ इस खबर पर प्रभात खबर के दफ्तर में दर्जनों पाठकों की प्रतिक्रिया आयी है़ इनमें से हम कुछ की प्रतिक्रिया प्रकाशित कर रहे है़ं पाठकों की राय है कि विधायक फंड के कार्यों की कड़ी निगरानी होनी चाहिए और काम करने के लिए वर्तमान नियम में बदलाव होना चाहिए़ सरकार द्वारा योजनाओं को लागू करने का जो नियम है, वही नियम विधायक योजना के लिए भी लागू होना चाहिए़ विधायकों को कार्यकारी एजेंसी, ठेकेदार को चुनने का अधिकार नहीं होना चाहिए़.
विधायक फंड बढ़ा, पर विकास की गति नहीं
सरकार व विधायिका यही समझती है, वे जब चाहे अपना वेतन बढ़ा लेंगे़ विकास के मामले में राज्य कहां जा रहा है, यह सोचने की फुर्सत किसी को नहीं. अचरज तब होता है, जब अनुबंध पर काम करनेवाले पारा शिक्षक, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका, शिक्षा परियोजना कर्मी मानदेय बढ़ाने व अपने भविष्य को लेकर आंदोलन करते हैं. सरकार की नजर में उस समय झारखंड गरीब राज्य हो जाता है. आंदोलन को तोड़ने व मानदेय न बढ़े, इस पर सरकार हर तरह का हथकंडा अपनाती है़ एग्रीमेंट होने के बाद भी आज तक पारा शिक्षकों के मानदेय में 35 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी नहीं हो पायी, जबकि इनके मानदेय की अधिकांष राशि केंद्र सरकार से प्राप्त होता है.
बिनोद चंद्रपुरियार, चंद्रपुरा
विधायक फंड का हिसाब दें जनप्रतिनिधि
इटकी के विष्णुधारी महतो का कहना है कि विधायक फंड में पारदर्शिता की जरूरत है़ विधायकों को अपने फंड का हिसाब सार्वजनिक करना चाहिए़ जनता को यह जानने का हक है कि विधायक ने किस योजना पर कितनी राशि खर्च की़ विधायक फंड को लेकर तरह-तरह की बातें होती है़ं काम की गुणवत्ता पर भी सवाल उठता है़ विधायकों को राज्य के खजाने से विकास के लिए पैसा दिया जाता है, तो इसका सदुपयोग हो.
विष्णुधारी महतो, इटकी
क्षेत्र के जनप्रतिनिध से हिसाब मांगे
विधायक फंड बढ़ाया जाना अनुचित है़ इससे आम आदमी पर बोझ बढ़ेगा. विधायक निधि की राशि को लेकर आम लोगों को भी जागरूक रहने की जरूरत है़ अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिध से हिसाब मांगे़ं ऐसी योजनाएं ली जानी चाहिए, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग लाभान्वित हो़ं.
अमित आर्यन, रांची
कुछ खास ठेकेदार ही विधायकों का करते हैं काम
विधायकोें ने अपनी अनुशंसा पर योजनाओं को लागू करने का जो नियम बनाया है, उसमें विधायक अपने करीबी लोगोें को काम देते है़ं कागज मेें विभागीय स्तर पर काम करने का आदेश दिया जाता है, लेकिन कौन एजेंसी या ठेकेदार काम करेगा, यह भी विधायक ही चुनते है़ं विभागीय काम के नाम पर विधायक के आगे पीछे रहनेवाले लोग ही विधायक योजना का काम करते है़ं मुन्ना सिंह, चतरा
जनता को मिले अधिकार
विधायक फंड बढ़े़ विकास की गति तेज हो, इससे किसी को एतराज नहीं है़ योजना बनाने का अधिकार जनता को दिया जाये़ विधानसभा क्षेत्र में फंड का सही उपयोग हो़ जनता अपनी जरूरत के हिसाब से योजना बनाये़ं अभी होता यह है कि विधायक वोट बैंक के हिसाब से योजनाओं का चयन करते है़ं ऐसे में कई लोग उपेक्षित रह जाते है़ं विकास संतुलित नहीं होता है़
दिनेश राज, कोडरमा
इनके अलावा हजारीबाग के राजकुमार मंडल, सिमडेगा के दिनेश कुमार, खूंटी के अभिषेक उरांव और गुमला की ममता कुमारी ने भी इसी तरह के विचार हमें भेजे हैं.

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