रांची: झारखंड के विधानसभा अध्यक्ष डॉ दिनेश उरांव ने कहा है कि झारखंड पुस्तक प्रकाशन के मामले में काफी पीछे रह गया है. राज्य में लेखकों की कमी नहीं है, लेकिन उनकी प्रतिभा को तराशने वालों की कमी है. नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) युवा लेखकों को एक प्लेटफॉर्म देगा, जहां से नयी प्रतिभाएं राष्ट्रीय स्तर […]
रांची: झारखंड के विधानसभा अध्यक्ष डॉ दिनेश उरांव ने कहा है कि झारखंड पुस्तक प्रकाशन के मामले में काफी पीछे रह गया है. राज्य में लेखकों की कमी नहीं है, लेकिन उनकी प्रतिभा को तराशने वालों की कमी है. नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) युवा लेखकों को एक प्लेटफॉर्म देगा, जहां से नयी प्रतिभाएं राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकेगी.
डॉ उरांव गुरुवार को रांची विवि के एकेडमिक स्टाफ कॉलेज (मानव संसाधन विकास केंद्र) में राष्ट्रीय पुस्तक ट्रस्ट व रांची विवि के संयुक्त तत्वावधान में सात दिवसीय सर्टिफिकेट कोर्स का शुभारंभ कर रहे थे. डॉ उरांव ने कहा कि एनबीटी बिरसा मुंडा, अलबर्ट एक्का व रामदयाल मुंडा जैसे व्यक्तित्व पर पुस्तक तैयार करे, जिसमें रोचकता रहे. उन्होंने कहा कि झारखंड आंदोलन में स्थानीय लेखकों की सराहनीय भूमिका रही. एनबीटी का इस तरह के कोर्स अौर लेखकों को तराशने का काम शुरू किये जाने से झारखंड की सांस्कृतिक धरोहरों को भी राष्ट्रीय पहचान मिल सकेगी.
एनबीटी के अध्यक्ष बलदेव भाई शर्मा ने कहा कि पुस्तकें महंगी होने के कारण यह कई लोगों से दूर हो गयी हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें कामिल बुल्के के शब्दकोश से ही रांची का पता चला था. यहां के युवा में लिखने की क्षमता है, एनबीटी उन्हें सही दिशा प्रदान करने का प्रयास करेगा.
शैक्षणिक सत्र में प्रभात पब्लिकेशन प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रभात कुमार ने कहा कि पुस्तक प्रकाशन एक पवित्र व्यवसाय है. इस व्यवसाय के सामाजिक पहलू भी है. उन्होंने पांडुलिपि का चयन, उसका संपादन-संशोधन, डीटीपी, प्रुफ रीडिंग, ले आउटिंग, आकार, आवरण, मुद्रण, मार्केटिंग, वितरण आदि पर जानकारी दी.
स्नातकोत्तर स्तर पर एड अॉन कोर्स आरंभ होगा
कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडेय ने कहा कि विवि शीघ्र ही पुस्तक प्रकाशन पर स्नातकोत्तर स्तर पर एड अॉन कोर्स आरंभ करने की दिशा में प्रयास करेगा. विवि में कला संस्कृति विभाग की स्थापना की जायेगी, ताकि यहां पढ़ाई के अलावा अन्य क्षेत्र की प्रतिभा को तराशने का काम होगा. सात दिवसीय कोर्स को सफलता मिलती है, तो इसे एक माह का कोर्स किया जा सकेगा. विवि के प्रतिकुलपति डॉ एम रजिउद्दीन ने भी अपने विचार रखे. एकेडमिक स्टाफ कॉलेज के निदेशक डॉ अशोक कुमार चौधरी ने आगंतुकों का स्वागत किया. इस अवसर पर रांची विवि के कुलसचिव डॉ अमर कुमार चौधरी, एनएसएस को-अॉर्डिनेटर डॉ पीके झा, डॉ मिथिलेश, डॉ संजय मिश्रा, डॉ जेबी पांडेय सहित कई शिक्षक व लगभग 63 प्रतिभागी उपस्थित थे.