रांची: सांसद सुबोधकांत सहाय ने कहा है कि राज्य की सहकारी समितियों को लैंप्स और पैक्स के माध्यम से ऋण देने की पहल शुरू करने की जरूरत है. समितियों को सूक्ष्म ऋण देकर उन्हें स्वावलंबी बनाया जा सकता है.
श्री सहाय झारखंड को-आपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड की ओर से आयोजित रांची अंचल के नवगठित पैक्स और लैंप्स की कार्यकारिणी के प्रशिक्षण सह कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने सहकारिता विभाग के अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे कृषि, मत्स्य, गव्य विकास और अन्य विभाग की लाभकारी योजनाओं को लैंप्स और पैक्स के माध्यम से ही संचालित करें. सहयोग समितियों के निबंधक केके सोन ने कहा कि लैंप्स और पैक्स में अधिक से अधिक सदस्यों को जोड़ने की जरूरत है. सदस्यों में 50 प्रतिशत महिलाओं को भी जगह दी जानी चाहिए. सदस्यता अभियान के अलावा विकास योजनाओं और झारखंड स्टेट को-आपरेटिव बैंक से माइक्रोफाइनांसिंग के लिए एटीएम कार्ड भी दिये जायें. जागरूक लैंप्स के अध्यक्षों और सदस्यों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी जायेगी. महासंघ के अध्यक्ष अजय कच्छप ने बताया कि रांची अंचल में कुल 45 लैंप्स का विस्तार पंचायत स्तर पर किया गया है.
अब लैंप्स की संख्या 245 हो गयी है. महासंघ के प्रबंध निदेशक रत्नेश चतुर्वेदी ने कार्यक्रम के विषय वस्तु पर प्रकाश डाला. कार्यशाला को जिला परिषद अध्यक्ष सुंदरी तिर्की, निदेशक फरहाना खातुन, पीएन झा, रमेश झा, एसडी प्रसाद, जीवेंद्र कुंवर, कालीचरण सिंह, गव्य विकास पदाधिकारी एपी सिन्हा, इफको के क्षेत्रीय प्रबंधक टीके बनर्जी, कैलाश महतो ने संबोधित किया.