इससे पहले राज्य सरकार की अोर से अधिवक्ता राजीव रंजन मिश्रा ने शपथ पत्र दायर कर जलाशयों में जल की उपलब्धता की जानकारी दी. प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने खंडपीठ को बताया कि रांची में पानी का गंभीर संकट है. हटिया डैम से राशनिंग कर सप्ताह में तीन दिन पानी दिया जा रहा है. अन्य जलाशयों से भी पानी की आपूर्ति नियमित व पर्याप्त नहीं है. लोग पानी के लिए तरस रहे हैं. सरकार की अोर से ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है. जल संरक्षण की दिशा में काम नहीं हो रहा है. आज लोगों को नियमित पानी नहीं मिल रहा है, तो आनेवाले 35 वर्षों के बाद रांची में पानी की जरूरत को सरकार कैसे पूरा करेगी. उल्लेखनीय है कि प्रभात खबर में जलस्रोतों के अतिक्रमण से संबंधित प्रकाशित खबर को हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.
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झारखंड हाइकोर्ट: राजधानी में जल संकट व ट्रैफिक समस्या पर सरकार से जवाब-तलब
रांची के लोगों को कैसे देंगे नियमित पेयजल? रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने बुधवार को रांची में जलस्रोतों के अतिक्रमण को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब-तलब किया. पूछा कि रांची में जल संकट दूर करने के लिए क्या कदम उठाये गये हैं. लोगों को कैसे […]
रांची के लोगों को कैसे देंगे नियमित पेयजल?
रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने बुधवार को रांची में जलस्रोतों के अतिक्रमण को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब-तलब किया. पूछा कि रांची में जल संकट दूर करने के लिए क्या कदम उठाये गये हैं. लोगों को कैसे नियमित पानी देंगे. 100 मिलियन लीटर प्रतिदिन पानी की जरूरत है. इसे पूरा करने के लिए क्या कार्रवाई की गयी है. रांची में पेयजल का गंभीर संकट है. कुछ इलाकों में राशनिंग कर जलापूर्ति की जा रही है. 35 वर्षों बाद रांची में पानी की जरूरत कैसे पूरी करेंगे. जलाशयों की गहराई बढ़ायें, कैचमेंट एरिया में वृद्धि करें. नये जलाशयों की संभावनाअों पर सरकार विचार करे. साथ ही पानी बचाने के लिए लोगों के बीच अभियान चलाया जाये.
सरकार के आंकड़े सही नहीं
चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के जवाब पर नाराजगी जतायी. कहा कि आंकड़े सही नहीं हैं. कांके डैम, हटिया डैम व रुक्का डैम में कितना पानी उपलब्ध है, इसकी सही जानकारी नहीं दी जा रही है. खंडपीठ ने जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव को शपथ पत्र दायर कर अल्पकालीन व दीर्घकालीन योजनाअों की विस्तृत जानकारी देने का निर्देश दिया. प्रतिदिन की जरूरत व जलाशयों में कितना पानी उपलब्ध है, इसकी जानकारी भी देने को कहा. खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 फरवरी की तिथि निर्धारित की.
जलाशयों में जल की उपलब्धता की जानकारी दी
इससे पहले राज्य सरकार की अोर से अधिवक्ता राजीव रंजन मिश्रा ने शपथ पत्र दायर कर जलाशयों में जल की उपलब्धता की जानकारी दी. प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने खंडपीठ को बताया कि रांची में पानी का गंभीर संकट है. हटिया डैम से राशनिंग कर सप्ताह में तीन दिन पानी दिया जा रहा है. अन्य जलाशयों से भी पानी की आपूर्ति नियमित व पर्याप्त नहीं है. लोग पानी के लिए तरस रहे हैं. सरकार की अोर से ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है. जल संरक्षण की दिशा में काम नहीं हो रहा है. आज लोगों को नियमित पानी नहीं मिल रहा है, तो आनेवाले 35 वर्षों के बाद रांची में पानी की जरूरत को सरकार कैसे पूरा करेगी. उल्लेखनीय है कि प्रभात खबर में जलस्रोतों के अतिक्रमण से संबंधित प्रकाशित खबर को हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.
इससे पहले राज्य सरकार की अोर से अधिवक्ता राजीव रंजन मिश्रा ने शपथ पत्र दायर कर जलाशयों में जल की उपलब्धता की जानकारी दी. प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने खंडपीठ को बताया कि रांची में पानी का गंभीर संकट है. हटिया डैम से राशनिंग कर सप्ताह में तीन दिन पानी दिया जा रहा है. अन्य जलाशयों से भी पानी की आपूर्ति नियमित व पर्याप्त नहीं है. लोग पानी के लिए तरस रहे हैं. सरकार की अोर से ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है. जल संरक्षण की दिशा में काम नहीं हो रहा है. आज लोगों को नियमित पानी नहीं मिल रहा है, तो आनेवाले 35 वर्षों के बाद रांची में पानी की जरूरत को सरकार कैसे पूरा करेगी. उल्लेखनीय है कि प्रभात खबर में जलस्रोतों के अतिक्रमण से संबंधित प्रकाशित खबर को हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.
सरकार से पूछा
जल संकट दूर करने के लिए क्या कदम उठाये गये हैं
अभी कुछ इलाकों में पानी की राशनिंग, 35 वर्षों बाद जरूरत को कैसे पूरा करेंगे
दिया निर्देश
जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव शपथ पत्र दायर करें
प्रतिदिन की जरूरत व जलाशयों में पानी की उपलब्धता बतायें
अल्पकालीन व दीर्घकालीन योजना की पूरी जानकारी दें
सुझाव भी िदया
जलाशयों की गहराई बढ़ायें
कैचमेंट एरिया में वृद्धि करें
नये जलाशयों की संभावना तलाशें
पानी बचाने के लिए अभियान चलायें
एमजी रोड में फ्लाई ओवर क्यों नहीं बन सकता?
रांची: हाइकोर्ट में चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने बुधवार को जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि महात्मा गांधी मार्ग (मेन राेड) में फ्लाई अोवर का निर्माण क्यों नहीं हो सकता है. पूर्व में सरकार ने सुजाता चाैक, अलबर्ट एक्का चाैक व लालपुर चाैक में फ्लाई अोवर के लिए डीपीआर तैयार कराया. इस पर करोड़ों रुपये खर्च किये गये. डीपीआर तैयार हो गया, तो इन फ्लाई अोवर को ड्रॉप करने की क्या जरूरत पड़ गयी. कहीं कुछ रसूखदारों के मकान-दुकान टूटने से बचाने के लिए तो ऐसा नहीं किया गया. रातू रोड व कांटाटोली में भी फ्लाई अोवर बनाये जायें. साथ ही पूर्व में प्रस्तावित तीन फ्लाई अोवर का निर्माण भी कराया जाये. इसके लिए मेकन के विशेषज्ञों से परामर्श लेकर राज्य सरकार कोर्ट को अवगत कराये.
रातू रोड व कांटा टोली में फ्लाई अोवर बनेंगे
खंडपीठ ने राज्य सरकार को शपथ पत्र के माध्यम से स्टेेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया. इससे पहले राज्य सरकार की अोर से बताया गया कि सरकार ने रातू रोड व कांटा टोली में फ्लाई अोवर बनाने का निर्णय लिया है. प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने खंडपीठ को बताया कि ट्रैफिक के दवाब को देखते हुए पूर्व में सरकार ने तीन फ्लाई अोवर बनाने का निर्णय लिया था. डीपीआर बनाने पर करोड़ों खर्च करने के बाद अब सरकार उससे मुकर रही है. सिर्फ रातू रोड व कांटाटोली में फ्लाई अोवर के निर्माण से ट्रैफिक समस्या का समाधान नहीं हो सकेगा. मालूम हो कि प्रार्थी आशीष कुमार सिंह ने जनहित याचिका दायर की है.
सरकार से पूछा
तीन फ्लाई आेवर के लिए डीपीआर बनाने में कराेड़ाें खर्च किया
फिर तीनाें फ्लाई अोवर को ड्रॉप करने की क्या जरूरत पड़ी
कुछ रसूखदारों के मकान-दुकान टूटने से बचाने के लिए कहीं ऐसा ताे नहीं किया
दिया निर्देश
सरकार शपथ पत्र दायर कर विस्तृत जानकारी दे
सुजाता चाैक, अलबर्ट एक्का चाैक व लालपुर चाैक के साथ ही रातू रोड व कांटाटोली में फ्लाई अोवर बनायें
मेकन के विशेषज्ञों से परामर्श लें
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