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अभिजीत ग्रुप के 1100 मेगावाट का चंदवा पावर प्लांट होगा शुरू, अर्सिल करेगा प्लांट का अधिग्रहण
रांची : अभिजीत ग्रुप के चंदवा में प्रस्तावित 1100 मेगावाट के पावर प्लांट का अधिग्रहण द एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी अॉफ इंडिया लिमिटेड(अर्सिल) करेगा. कंपनी द्वारा अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. अभिजीत ग्रुप की अनुषंगी कंपनी कॉरपोरेट पॉवर द्वारा इस पावर प्लांट की स्थापना के लिए बैंकों के समूह से 4500 करोड़ रुपये का […]
रांची : अभिजीत ग्रुप के चंदवा में प्रस्तावित 1100 मेगावाट के पावर प्लांट का अधिग्रहण द एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी अॉफ इंडिया लिमिटेड(अर्सिल) करेगा. कंपनी द्वारा अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. अभिजीत ग्रुप की अनुषंगी कंपनी कॉरपोरेट पॉवर द्वारा इस पावर प्लांट की स्थापना के लिए बैंकों के समूह से 4500 करोड़ रुपये का ऋण लिया गया था. मुंबई से प्रकाशित होने वाले डीएनए अखबार को दिये बयान में अर्सिल के एमडी विनायक बहुगुणा ने कहा है कि वे कंपनी के अधिग्रहण के लिए तैयार हैं. एक बार अधिग्रहण हो गया तो फिर वे इस प्लांट को पूरा करायेंगे. बहुगुणा ने उम्मीद जतायी है कि अगले कुछ सप्ताह में सभी प्रकार के अप्रूवल मिल जायेंगे.
कोर्ट में लंबित है मामला : सीइओ : दूसरी ओर अभिजीत ग्रुप के सीइओ (बिहार-झारखंड) आरके सिंह का कहना है कि अभिजीत ग्रुप पूर्व में ही एसबीआइ से शिकायत कर चुकी है कि उनके द्वारा आगे वित्तीय फायनेंस उपलब्ध न कराये जाने का कारण प्लांट का निर्माण नहीं हो सका. एसबीआइ हाइकोर्ट में गयी थी. झारखंड हाइकोर्ट ने 21 अगस्त 2015 को साफ कह दिया था कि एसबीआइ प्लांट पर फैसला नहीं ले सकती, बल्कि इसके अॉनर ही ले सकते हैं. इस मामले में एसबीअाइ एलपीए में गयी है, जो अभी लंबित है.
ओपीजी ने भी दिया है प्रस्ताव : श्री सिंह ने बताया कि लंदन की ओपीजी ग्रुप ने भी प्लांट चलाने का प्रस्ताव दिया है. इसके पूर्व अडाणी ग्रुप द्वारा भी प्रस्ताव दिया गया था. कंपनी के प्रमोटर ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र लिखकर कहा है कि जो भी कंपनी इस प्लांट को चलायेगी, वह उसे एक रुपये में अपना शेयर दे देंगे. श्री सिंह ने कहा कि अर्सिल भले ही दावा कर रहा है, पर उन्हें उम्मीद कम है कि यह प्लांट चलेगा.
क्या है मामला
अभिजीत ग्रुप द्वारा चंदवा में 1100 मेगावाट का पावर प्लांट लगाने की प्रक्रिया आरंभ की गयी थी. भूमि अधिग्रहण के बाद 80 फीसदी तक निर्माण कार्य पूरा कर लिये गये थे. इसी दौरान कोलगेट में कंपनी के प्रमोटर मनोज जायसवाल का नाम आने के बाद काम ठप हो गया. कर्मचारियों ने कंपनी छोड़ दी. कंपनी को आवंटित चितरपुर कोल ब्लॉक का आवंटन भी रद्द कर दिया गया. फिलहाल प्लांट का निर्माण कार्य पिछले तीन वर्षों से बंद है.
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