एचइसी में एक्सक्लावेटर का निर्माण छोटा, मध्यम व बड़े साइज में डिमांड के अनुसार बनाया जायेगा. अभी देश की माइनिंग कंपनियां एक्सक्लावेटर विदेशों से मंगाती है.
एचइसी में बनने से विदेशी मुद्रा की बचत होगी. श्री घोष ने कहा कि इसके अलावा एचइसी डोजर का निर्माण भी करेगा. इसकी तकनीक भी रूसी कंपनी से ली गयी है. उन्होंने कहा कि इस साल एचइसी उन क्षेत्रों में कार्य करेगा, जो पहले कभी नहीं किया. इससे देश को विदेशी मुद्रा की बचत होगी.