रांची : रघुवर दास सरकार के एक वर्ष पूरा होने पर कांग्रेस ने मोरचा खोला है़ कांग्रेस ने राज्य सरकार की नाकामी गिनायी है़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत ने पत्रकारों से कहा कि पिछले एक वर्ष में यह सरकार पूर्णत: विफल रही है़ .
लाेकतंत्र की संसदीय परंपरा और मर्यादा का उल्लंघन हुआ है. सदन में विधेयक प्रवर समिति को भेजने की बात होती है, सरकार आनन-फानन में अध्यादेश लाती है़ सिंगल विंडो सिस्टम के साथ सरकार ने एेसा ही किया़ यह सरकार सदन की अवहेलना कर रही है़ यह सरकार झारखंड में नरेंद्र मोदी और अमित शाह के रिमोट कंट्रोल से चलनेवाली है़ सरकार के सभी मंत्री पंगु है़ं स्वतंत्र निर्णय लेने पर भी यहां रोक है़ राज्य में अफसरशाही बेलगाम है़ अफसरशाही निरंकुश और हावी है़ यहां मुख्यमंत्री की बातों पर भी अमल नहीं होता़
भगत ने कहा कि एक वर्ष में सरकार ने घोषणाओं की झड़ी लगा दी़ विकास कार्य फाइलों में ही दबे हुए है़ं यह सरकार दिशाहीन है़ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरकार किसानों को राहत देने में विफल रही़ राज्य सूखे की चपेट में है, लेकिन सरकार की संवदेनशीलता नहीं दिख रही है़ अभी सरकार सूखे का आकलन ही कर रही है़ भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात करनेवाली सरकार की दावों और जमीनी हकीकत में कोई मेल नहीं है़ एसीबी के लंबित मामलों में सरकार की ओर से दस्तावेज नहीं दिये जा रहे है़ं उन्होंने कहा कि आपरधिक और उग्रवादी घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है़ आंकड़े के मुताबिक 3564 कांडों का इजाफा हुआ है़ 247 दंगा और 83 दुष्कर्म के मामले सामने आये है़ं ग्रामीण विकास विभाग का बजट सबसे बड़ा है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के लिए कुछ नहीं हो रहा है़ सौ दिन का काम 37 लाख परिवारों को देना था, लेकिन अब तक 15 हजार परिवारों को ही इसका लाभ मिला़
सरकार की उदासीनता के कारण एक वर्ष में मात्र 1500 इंदिरा आवास बने, जबकि एक लाख से ज्यादा आवास अधूरे है़ं कांग्रेस अध्यक्ष ने खाद्य सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और ऊर्जा के क्षेत्र में सरकार की विफलता गिनायी़ मौके पर कांग्रेस नेता अनादि ब्रह्म, राजेश ठाकुर, राजीव रंजन प्रसाद, संजय पांडेय, उदय शंकर ओझा, लाल किशोर नाथ शाहदेव, सलीम खान और ज्योति मथारू सहित अन्य लोग मौजूद थे़
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने गिनायी खािमयां
खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू करने में देरी, भारी गड़बड़ी़
1़67 लाख शून्य नाम वाले राशन कार्ड है़ं
86 हजार नकली राशन कार्ड बने़
सरकार ने 30 अप्रैल तक स्थानीय नीति बनाने की बात कही थी, अब तक नहीं बनी़
सरकारी स्कूलों का हाल नहीं सुधरा़
प्राथमिक व उच्च शिक्षा के शिक्षकों और आधारभूत संरचना का अभाव़
पेयजल की राशनिंग कर रही है सरकार
झारखंड में निवेश शून्य
ऊर्जा विभाग बदहाल
ग्रामीण इलाकों में 6-8 घंटे ही बिजली उपलब्ध हो रही है़
एनटीपीसी और पीटीपीएस के बीच एमओयू में झारखंड की अनदेखी़
स्मार्ट सिटी और मास्टर प्लान के नाम पर आदिवासी और मूलवासी सहित गरीबों को बेघर करने की साजिश़
राज्य में चल रहा है तबादला उद्योग.
खेल और खिलाड़ियों के लिए सरकार के पास कोई स्पष्ट नीति नही़ं