उन्होंने भुगतान के लिए कई बार पत्र भी लिखा. खुद भी अधिकारियों से जाकर मिले, लेकिन हर बार आश्वासन ही मिला. अब खुद उनकी ऐसी हालत हो गयी है कि वे एचइसी मुख्यालय का चक्कर नहीं लगा सकते. परिवार में पत्नी हीरामनी देवी के अलावा चार बेटियां हैं. अभी दो बेटियों की शादी नहीं हुई है. कहते हैं एचइसी पैसा दे देता, तो बेटियों के हाथ पीले कर देते. इस बीच वे फिर रो पड़ते हैं. पत्नी व बेटियां उन्हें ढांढस बंधाती हैं.
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परेशानी: एचइसी पर है 7.5 लाख रुपये बकाया, पर नहीं है इलाज के लिए फूटी कौड़ी किडनियां फेल, एचइसी पैसे दे, तो हो इलाज
रांची: जीवन भर जिस संस्था के लिए अपना पसीना बहाया, आज वही मुसीबत की घड़ी में काम नहीं दे रहा है. यह कहते हुए एचइसी से सेवानिवृत्त कर्मी बच्चू भगत की आंखें नम हो जाती है. वे 31 जनवरी 2015 काे एफएफपी के 04 शॉप से सेवानिवृत्त हुए. लीव सैलेरी व ग्रेच्युटी मिला कर कुल […]
रांची: जीवन भर जिस संस्था के लिए अपना पसीना बहाया, आज वही मुसीबत की घड़ी में काम नहीं दे रहा है. यह कहते हुए एचइसी से सेवानिवृत्त कर्मी बच्चू भगत की आंखें नम हो जाती है. वे 31 जनवरी 2015 काे एफएफपी के 04 शॉप से सेवानिवृत्त हुए. लीव सैलेरी व ग्रेच्युटी मिला कर कुल 7.5 लाख रुपये उनका एचइसी पर बकाया है.
भगत बताते हैं कि फरवरी 2015 में उनकी तबीयत खराब हुई. एचइसी प्लांट अस्पताल में इलाज कराया, तो चिकित्सकों ने कहा कि किडनी खराब हो गयी है, कहीं और इलाज करायें. इसके बाद वह इलाज के लिए चंडीगढ़ चले गये. वहां छह माह तक रहे. चिकित्सकों ने कहा कि लीवर ट्रांसप्लांट कराना होगा. भगत कहते हैं कि इलाज में सभी जमा पूंजी खर्च हो गया. अभी गुरुनानक अस्पताल में इलाज करा रहे हैं. डायलिसिस, खून चढ़ाने व दवा में हर माह 20 हजार रुपये खर्च हाे रहा है. अब जमा पूंजी भी नहीं बची है. खाने के लाले पड़ गये हैं तो इलाज कैसे करायें.
कंपनी पर 70 करोड़ से अधिक है बकाया : एचइसी में अप्रैल 2011 से लीव सैलेरी व अप्रैल 2014 से ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं हो रहा है. दो हजार से अधिक सेवानिवृत्त कर्मियों का लीव सैलेरी व 350 से अधिक का ग्रेच्युटी बकाया है. इन सब को मिला कर 70 करोड़ से अधिक का बकाया एचइसी पर है.
पैरवीकारों काे मिलता है बकाया : हटिया कामगार यूनियन के लालदेव सिंह ने कहा कि लीव सैलरी व ग्रेच्युटी का भुगतान केवल पैरवीकारों को मिलता है. इसका फायदा बिचौलिया उठा रहे हैं. भुगतान के एवज में सेवानिवृत्त कर्मियों से मोटी रकम की डिमांड की जाती है.
मामला पता नहीं, भुगतान होगा
एचइसी के कार्मिक प्रमुख दीपक दूबे ने कहा कि सेवानिवृत कर्मचारी बच्चू भगत का कोई पत्र उन्हें नहीं मिला है. प्रबंधन वित्तीय संकट के बावजूद गंभीर बीमारी, बेटी की शादी व उच्च शिक्षा के मामले में प्राथमिता के आधार पर लीव सैलेरी व ग्रेच्युटी का भुगतान कर्मचारियों को कर रहा है. अगर उनके पास यह मामला आयेगा, तो उन्हें जल्द से जल्द भुगतान कराने का प्रयास करेंगे.
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