रांची: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना पर हुई चार राज्यों की बैठक में झारखंड, बिहार, ओड़िशा व पश्चिम बंगाल के अफसरों को सारा काम मार्च 2014 तक पूरा कर लेने का टास्क मिला है. केंद्रीय अफसरों की टीम ने इन राज्यों को टास्क दिया है. चारों राज्यों के अफसरों से कहा कि 2001 से लेकर अबतक की पेंडिंग योजनाओं की सूची तैयार कर काम शुरू करा दें. कांके रोड स्थित होली डे होम में आयोजित क्षेत्रीय स्तर की बैठक का शनिवार को समापन हो गया. बैठक कल से शुरू हुई थी.
झारखंड के संदर्भ में केंद्रीय अफसरों ने कहा कि अब तक झारखंड में 24 योजनाएं फॉरेस्ट क्लीयरेंस नहीं मिलने से लंबित हैं. ऐसे में इन योजनाओं के लिए तत्काल फॉरेस्ट क्लीयरेंस कराने को कहा गया, ताकि काम पूरा हो सके . विश्व बैंक की करीब 900 योजनाएं यहां की पेंडिंग हैं. इन योजनाओं को भी शीघ्र पूरा करने को कहा गया है. झारखंड में पीएमजीएवाइ का करीब 850 करोड़ रुपये पड़ा हुआ है. समयबद्ध तरीके से इस राशि को खर्च करने का निर्देश दिया गया. बैठक में संयुक्त सचिव राजेश भूषण, झारखंड ग्रामीण कार्य विभाग के प्रधान सचिव एसके सत्पथी सहित झारखंड, पश्चिम बंगाल व ओड़िशा के अफसर भी शामिल हुए.
ठेकेदार क्यों नहीं मिल रहे, समीक्षा होगी : केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रलय के संयुक्त सचिव राजेश भूषण ने बैठक में कहा कि यह देखा जायेगा कि पीएमजीएसवाइ के लिए ठेकेदार क्यों नहीं मिल रहे हैं. ठेकेदारों का रुझान पीएमजीएसवाइ की ओर ज्यादा हो, इसके लिए प्रयास किये जायेंगे. मंत्रलय स्तर पर इस पर विचार-विमर्श किया जायेगा. जरूरत पड़े, तो ऐसी कार्रवाई की जायेगी या व्यवस्था होगी कि ज्यादा से ज्यादा टेंडर पीएमजीएसवाइ के लिए आये.
ओड़िशा-बंगाल सूची भेजें : केंद्रीय टीम के अफसरों ने ओड़िशा व बंगाल के अफसरों से कहा कि वे अपने राज्यों की सड़कों की सूची तैयार करें. किन सड़कों का निर्माण कराना है, यह देख लें. उपयोगी सड़कों की सूची बना कर संबंधित क्षेत्र के संसद सदस्यों को दें, ताकि उनके स्तर पर सरकार तक पहुंचे. इसके निर्माण की दिशा में कार्रवाई की जायेगी.