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कार्यशाला: इंफोकॉम एडवांटेज झारखंड में बोले मुख्यमंत्री आइटी कंपनियों को 400 एकड़ जमीन देंगे

रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि सूचना प्रौद्योगिकी और इससे संबद्ध कंपनियों के लिए सरकार 400 एकड़ जमीन उपलब्ध करायेगी. सरकार की तरफ से कोर कैपिटल क्षेत्र में यह जमीन दी जायेगी. मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को इंफोकॉम एडवांटेज झारखंड 2015 पर आधारित कार्यशाला के उदघाटन के क्रम में यह बातें कहीं. उन्होंने कहा […]

रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि सूचना प्रौद्योगिकी और इससे संबद्ध कंपनियों के लिए सरकार 400 एकड़ जमीन उपलब्ध करायेगी. सरकार की तरफ से कोर कैपिटल क्षेत्र में यह जमीन दी जायेगी. मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को इंफोकॉम एडवांटेज झारखंड 2015 पर आधारित कार्यशाला के उदघाटन के क्रम में यह बातें कहीं.

उन्होंने कहा कि सरकार आइटी को प्राथमिकता के रूप में तरजीह दे रही है. आइटी के अधिकाधिक उपयोग से भ्रष्टाचार, बिचौलियों पर लगाम लगेगी और जनता को फायदा मिलेगा. सरकार जनता और शासन के बीच की दूरियां भी समाप्त करना चाहती है.

उन्होंने कहा कि मार्च 2016 तक सरकार दाखिल-खारिज प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन कर लेगी. हर विभागों को सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक बढ़ावा और पारदर्शी शासन देने के लिए कहा गया है. आइटी के क्षेत्र में रोजगार बढ़ रहे हैं. ऐसे में टीम इंडिया, टीम झारखंड और डिजिटल इंडिया के बीच में समन्वय स्थापित करने के लिए सरकार, जनता और निजी कंपनियों को आगे आना होगा.
सरकारी आंकड़ों को बचाने आगे आयें कंपनियां : गौबा
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य सचिव राजीव गौबा ने कहा कि सभी विभागों के अधिकारियों को संवेदनशील बनना होगा. डाटा बेस का अधिक से अधिक उपयोग हो. सरकार के आंकडों को हैकिंग, फॉर्जिंग और टैंपरिंग से बचाने की भी आवश्यकता है. आज के रिकार्ड रूम में आंकड़ों की चोरी, दस्तावेजों में अगलगी और अन्य तरह की गड़बड़ियां होती हैं. इसे दूर करने के लिए आइटी कंपनियों को आगे आकर झारखंड में निवेश करना होगा. निजी, सरकारी कंपनियों को राज्य के विकास में भागीदार बनना होगा. उन्होंने कहा कि आइटी सेक्टर में असीमित सुविधाएं और संभावनाएं हैं. सरकार ई-गवर्नेंस, मोबाइल गवर्नेंस के जरिये योजनाओं को जनता तक पहुंचाने की भागीदार बन सकती है.
ट्रिपल आइटी के नये सत्र की कक्षाएं 2017 से शुरू हो जायेंगी : वर्णवाल
आइटी सचिव सुनील वर्णवाल ने कहा कि झारखंड सरकार ने समर्पित फ्रेट कॉरिडोर के तहत तीन सौ किलोमीटर तक की सड़क बनाने को मंजूरी दे दी है. यह सड़क झारखंड को दिल्ली, यूपी, हरियाणा, राजस्थान से जोड़ते हुए उत्तर-पूर्वी राज्यों से जोड़ेगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने कई नयी परियोजनाओं को शुरू करने की निर्णय लिया है. नेलिट, सीडैक के लिए सरकार ने पांच-पांच एकड़ और ट्रिपल आइटी के लिए 60 एकड़ जमीन दी है. ट्रिपल आइटी के नये सत्र की कक्षाएं जून-जुलाई 2017 से शुरू हो जायेंगी. उन्होंने कहा कि रांची और जमशेदपुर में एजिस, मिनाक्स जैसे बीपीओ स्थानीय युवक-युवतियों को रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं. श्री वर्णवाल ने कहा कि आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (आयडा) में 85 एकड़ जमीन पर इलेक्ट्रॉनिक मेन्युफैक्चरिंग क्लस्टर स्थापित किया जायेगा. इसी प्रकार आयडा में ही 240 एकड़ जमीन पर टेक्नो पार्क स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.
16 हजार किमी तक हैं ऑप्टिकल फाइबर : असरानी
कार्यशाला में भारती एयरटेल के नार्थ-इस्ट जोन के प्रमुख किशोर असरानी ने कहा है कि झारखंड में टेलीफोन कंपनियों ने 16 हजार किलोमीटर तक ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क बिछाये गये हैं. उन्होंने कहा कि स्मार्ट झारखंड की स्थापना के लिए स्मार्ट सिटी, स्मार्ट पिपुल जैसी परिकल्पना करनी होगी. टेलीफोन और मोबाइल सेवाओं के लिए 10 हजार से अधिक मोबाइल टावर लगाये गये हैं. श्री असरानी ने कहा कि वाइड एरिया नेटवर्किंग से न्यायिक सेवाएं, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन जैसी बनियादी सेवाएं जुड़ी हैं. 85 प्रतिशत पंचायतों में राजस्व वसूली संबंधी एप विकसित कर लोगों को कई सुविधाएं दी जा सकती हैं. नयी दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वच्छता अभियान का एप चलाया था, जो काफी सफल रहा. तमिलनाडू की मुख्यमंत्री जयललिता ने सबसे पसंदीदा सरकारी कार्यक्रम के लिए मोबाइल एप से लोगों के बीच संवाद स्थापित किया था. हैदराबाद नगरपालिका क्षेत्र के सभी सार्वजनिक क्षेत्रों में वाइ-फाइ की सुविधा एयरटेल की तरफ से दी जा रही है. डीटीसी के 10 हजार बसों में भी कंपनी की तरफ से वाइ-फाइ देने की शुरुआत की गयी है.
जरूरी है बेहतर कनेक्टिविटी : राहा
केपीएमजी के वरिष्ठ अधिकारी देबोपम राहा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की सफलता के लिए बेहतर कनेक्टिविटी जरूरी है. भारत इंफॉरमेशन कम्युनिकेशन और टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट के क्षेत्र में विश्व भर में 129वें स्थान पर है. 15 प्रतिशत लोग ही देश भर में इंटरनेट का उपयोग करते हैं. डिजिटल इकोनॉमी की खाई आज भी काफी बड़ी है. देश में भारतनेट 2011 में शुरू की गयी थी. इसका उद्देश्य 2.5 लाख गांवों में टेलीफोन नेटवर्क की स्थापना करना था. श्री राहा ने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंकिंग और कृषि तक आइटी कनेक्टिविटी स्थापित करने की जरूरत है.

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