रांची : सामाजिक संस्थानों द्वारा लगाये जानेवाले मोतियाबिंद शिविर में भी अच्छी क्वालिटी के लेंस लगाये जाते हैं. शिविर में जो लेंस लगाया जाता है, उसकी कीमत मात्र 100 से 150 रुपये होती है, लेकिन लेंस से मिलनेवाली रोशनी में कोई खास फर्क नहीं पड़ता. नेत्र चिकित्सकों का भी कहना है कि शिविर में लगाये […]
रांची : सामाजिक संस्थानों द्वारा लगाये जानेवाले मोतियाबिंद शिविर में भी अच्छी क्वालिटी के लेंस लगाये जाते हैं. शिविर में जो लेंस लगाया जाता है, उसकी कीमत मात्र 100 से 150 रुपये होती है, लेकिन लेंस से मिलनेवाली रोशनी में कोई खास फर्क नहीं पड़ता. नेत्र चिकित्सकों का भी कहना है कि शिविर में लगाये गये लेंस से भी उतना ही साफ दिखता है,
जितना अन्य लेंस से. कीमत का अंतर मरीज पर सिर्फ मनोवैज्ञानिक असर डालता है. मरीज महंगे व सस्ते लैंस के चक्कर में फंस जाता है. उसे लगता है कि शिविर में पैसा नहीं लगता है, इसलिए लेंस की क्वालिटी अच्छी नहीं होगी.
ये संस्थान लगाते हैं शिविर
लायंस क्लब आॅफ निरामया अस्पताल, रोटरी क्लब, योगदा सत्संग द्वारा समय-समय पर नेत्र जांच शिविर लगाया जाता है. इसमें मोतियाबिंद के मरीजों का चयन कर उनका नि:शुल्क ऑपरेशन किया जाता है.
मरीजों को ऑपरेशन के लिए कुछ भी पैसा नहीं देना पड़ता है. ऑपरेशन के दौरान खाने एवं रहने की भी मुफ्त व्यवस्था की जाती है. सामाजिक संस्थानों द्वारा बेहतर नेत्र सर्जन को इस सेवा के लिए जोड़ा जाता है.