रांची: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के पदाधिकारियों पर स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र सिंह के आदेश का भी कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. प्रबंधन को कोई फिक्र नहीं कि मंत्री के आदेश पर तामिला हो रहा है या नहीं.
मंत्री जी अस्पताल की स्वास्थ्य सेवा सुधारने में लगे हैं. वह निरीक्षण कर कमियों को अवगत कराते हैं, पर प्रबंधन पर कोई असर नहीं होता.
यही वजह है कि व्यवस्था सुधरने के बजाय और बिगड़ती जाती है. इसकी बानगी यह है कि स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र सिंह ने 24 नवंबर को रिम्स के इमरजेंसी वार्ड का औचक निरीक्षण किया. वहां उन्हें बेड पर फटी चादर मिली, जिस पर उन्होंने नाराजगी जतायी. साथ ही रिम्स निदेशक एवं अधीक्षक को व्यवस्था सुधारने का निर्देश दिया. अगले दिन 25 नवंबर को इमरजेंसी वार्ड के बेड से चादर ही गायब मिली.
रिम्स निदेशक और अधीक्षक के बीच बहस
स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश के बाद सोमवार को निदेशक व अधीक्षक आमने-सामने आ गये. सूत्रों की मानें, तो निदेशक सुबह में अधीक्षक के कार्यालय में पहुंचे. अंदर में दोनों के बीच व्यवस्था एवं जिम्मेदारी पर जम कर बहस हुई. प्रबंधन के ये दोनों अधिकारी यह कहते रहे कि मैंने कार्रवाई के लिए कहा था, लेकिन आपने क्या किया.
तीन नर्सो से स्पष्टीकरण मांगा
रिम्स प्रबंधन ने रविवार को कार्यरत तीन नर्सो से स्पष्टीकरण मांगा है. सोमवार को अधीक्षक ने नर्स से पूछा कि 130 चादर स्टॉक में रहने के बावजूद रविवार को बेड पर चादर क्यों नहीं बिछी थी. तीनों नर्सो से 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण सौंपने को कहा गया है. गौरतलब है कि रविवार को इमरजेंसी वार्ड में स्वास्थ्य मंत्री ने निरीक्षण किया था. निरीक्षण में बेड पर फटी चादरें बिछी थी. अधीक्षक डॉ एसके चौधरी ने कहा कि नर्सो से स्पष्टीकरण मांगा है.