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अफसरों को 200 दिन तक बैठा कर दिया वेतन

अफसरों को 200 दिन तक बैठा कर दिया वेतनपथ, पेयजल स्वच्छता, राजस्व समेत कई विभाग कर रहे वित्त विभाग के आदेश की अनदेखी15 दिनों से अधिक अवधि तक सरकारी सेवकों को नहीं रखना है प्रभार रहितसतीश कुमार, रांचीझारखंड में एक दर्जन से अधिक सरकारी कर्मियों को एक से लेकर छह माह तक बैठा कर वेतन […]

अफसरों को 200 दिन तक बैठा कर दिया वेतनपथ, पेयजल स्वच्छता, राजस्व समेत कई विभाग कर रहे वित्त विभाग के आदेश की अनदेखी15 दिनों से अधिक अवधि तक सरकारी सेवकों को नहीं रखना है प्रभार रहितसतीश कुमार, रांचीझारखंड में एक दर्जन से अधिक सरकारी कर्मियों को एक से लेकर छह माह तक बैठा कर वेतन दिया गया है. राज्य के दो दर्जन से अधिक सरकारी कर्मी एक माह से अधिक समय तक प्रभार रहित रहे. इन्हें सरकार की ओर से बैठा कर वेतन दिया गया. पथ निर्माण विभाग के तत्कालीन कनीय अभियंता योगेंद्र मंडल को 252 दिनों तक पदस्थापन की प्रतीक्षा में रखा गया. पेयजल स्वच्छता विभाग देवघर अंचल के तत्कालीन प्रभारी अधीक्षण अभियंता रघुनंदन शर्मा को 212 दिनों तक बैठा रखा गया. श्री शर्मा 28 दिसंबर 2013 से 27 जुलाई 2014 तक पदस्थापन की प्रतीक्षा में रहे. वहीं दुमका के सेवानिवृत्त प्रभारी अधीक्षण अभियंता उदय प्रताप सिंह व धनबाद अंचल के तत्कालीन प्रभारी अधीक्षण अभियंता नवरंग सिंह को क्रमश: 208 और 207 दिनों तक पदस्थापन की प्रतीक्षा में रखा गया. यह खुलासा विभिन्न विभागों की ओर से सूचना के अधिकार के तहत अधिवक्ता सुनील महतो की ओर से मांगी गयी सूचना से हुआ है. पथ निर्माण, पेयजल स्वच्छता, राजस्व समेत कई विभागों ने वित्त विभाग के आदेश की अनदेखी की है. वित्त विभाग की तत्कालीन प्रधान सचिव राजबाला वर्मा ने इसको लेकर 17 अप्रैल 2010 को स्पष्ट आदेश जारी किया था. इसमें कहा गया था कि बिना कोई काम या सेवा लिये वेतनादि के मद से भुगतान वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है. इस पर पाबंदी आवश्यक है. उन्होंने सभी विभाग के प्रधान सचिव, सचिव और विभागाध्यक्षों को निर्देश दिया था कि किसी भी सरकारी सेवकों की प्रभार रहित अवधि 15 दिनों से अधिक नहीं हो. इससे अधिक अवधि होने की स्थिति में जिम्मेवारी का निर्धारण किया जाये और दोषी पाये जाने वाले व्यक्ति के वेतन से समुचित राशि की कटौती की जाये. दोषी व्यक्ति के वेतन से राशि काटने का है आदेशवित्त विभाग की ओर से जारी आदेश में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि सरकारी सेवकों की प्रभार रहित अवधि 15 दिनों से अधिक नहीं होनी चाहिए. अगर ऐसा होता है तो जिम्मेवारी का निर्धारण कर दोषी पाये जाने वाले व्यक्ति के वेतन से समुचित राशि काटी जाये. पदस्थापन की प्रतीक्षा में रहे कुछ सरकारी सेवकों की सूचीसरकारी सेवक®विभाग®कितने दिन तक रहे प्रभार रहितरघुनंदन शर्मा®पेयजल स्वच्छता®212ब्रह्मदेव प्रसाद®पेयजल स्वच्छता®209उदय प्रताप सिंह®पेयजल स्वच्छता®208नवरंग सिंह®पेयजल स्वच्छता®207शैलेश किशोर सिन्हा®पेयजल स्वच्छता®156विपिन बिहारी सिन्हा®पेयजल स्वच्छता®99मिथिलेश कुमार सिंह®पेयजल स्वच्छता®51संजय कुमार®पेयजल स्वच्छता®40उमेश सिंह®पेयजल स्वच्छता®40अनुराग कुमार तिवारी®राजस्व, भूमि सुधार®247मनीष कुमार®राजस्व, भूमि सुधार®150निशा कुमारी सिंह®राजस्व, भूमि सुधार®74राकेश कुमार श्रीवास्तव®राजस्व, भूमि सुधार®40विजय कुमार®राजस्व, भूमि सुधार®39शंभू राम®राजस्व, भूमि सुधार®39विजय सिंह बिरूआ®राजस्व, भूमि सुधार®31 योगेंद्र मंडल®पथ निर्माण®252साकेत ठाकुर®पथ निर्माण®120श्याम सुंदर प्रसाद®पथ निर्माण®95कमलेश्वर दास®पथ निर्माण®78सुरेश दास®पथ निर्माण®90रवींद्र कुमार सिंह®पथ निर्माण®72कमलेश्वर दास®पथ निर्माण®78केदार महतो®पथ निर्माण®69रंजीत कुमार साह®पथ निर्माण®46सीएम को पत्र, राशि वसूली की मांगझारखंड हाइकोर्ट के वकील सह आरटीआइ कार्यकर्ता सुनील महतो ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर इस मामले में कार्रवाई करने का आग्रह किया है. इन्होंने प्रभार रहित अवधि में रहे अभियंताओं और अधिकारियों के वेतन के बराबर राशि दोषी पदाधिकारियों से वसूलने की मांग की है.

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