रांची: कांग्रेस के नये प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत के लिए राह आसान नहीं है. संगठन को दुरुस्त कर जमीनी स्तर तक पहल बढ़ाने की चुनौती है. पार्टी को गुटबाजी से बाहर निकालना होगा. प्रदेश में नयी कमेटी बनाने में भी भारी मशक्कत है. नयी कमेटी में जगह बनाने के लिए कई नेता हाथ-पैर मार रहे हैं. पूर्व अध्यक्ष प्रदीप बलमुचु विरोधी खेमा अब सक्रिय होगा.
मुख्यधारा में जुड़ने का जुगाड़ लगायेगा. पार्टी में अंदरखाने में चर्चा है कि सांसद सुबोधकांत सहाय की चलेगी. नयी कमेटी में विधायक व वरिष्ठ नेताओं के करीबी लोगों को भी जगह देने के लिए एक्सरसाइज करना होगा. कमेटी में जगह पाने की लॉबिंग से नये अध्यक्ष की परेशानी बढ़ेगी. पार्टी सूत्रों की मानें, तो कमेटी के गठन में देरी है. प्रदेश प्रभारी और दिल्ली में आला नेताओं से विचार-विमर्श के बाद ही कमेटी का स्वरूप तय होगा.
प्रवक्ता बनने के लिए मारामारी : नयी कमेटी में प्रवक्ता बनने के लिए सबसे ज्यादा मारामारी है. राजधानी के कई नेताओं ने अभी से इसके लिए जुगाड़ लगाना शुरू कर दिया है. कई नये चेहरे भी प्रदेश अध्यक्ष के सामने दिख रहे हैं. प्रदेश कांग्रेस में नये प्रवक्ता को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा है. बलमुचु के समय में मीडिया कमेटी से बाहर किये गये लोग भी मौका तलाश रहे हैं. इसमें एनएसयूआइ के एक पूर्व अध्यक्ष भी शामिल हैं.