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नक्सलवाद के नाम पर असामाजिक तत्व सक्रिय : रघुवर दास
नयी दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में बोले मुख्यमंत्री रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि नक्सलवादियोंं के नाम पर राज्य में असमाजिक तत्व सक्रिय हैं. एेसे तत्वोंं द्वारा चलायी जा रही गतिविधियों पर सरकार नजर बनाये हुए है. छह महीने के अंदर इस समस्या से पूर्णत: निजात पाने का निर्णय लिया गया […]
नयी दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में बोले मुख्यमंत्री
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि नक्सलवादियोंं के नाम पर राज्य में असमाजिक तत्व सक्रिय हैं. एेसे तत्वोंं द्वारा चलायी जा रही गतिविधियों पर सरकार नजर बनाये हुए है.
छह महीने के अंदर इस समस्या से पूर्णत: निजात पाने का निर्णय लिया गया है. मुख्यमंत्री नयी दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि झारखंड के 24 में से नक्सल प्रभावित 17 जिलों मेंं विकास को ग्रास रूट लेवल तक पहुंचाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है.
इस सरकार की यह बड़ी उपलब्धि है कि इस कार्यकाल में अब तक कोई भी बड़ी नक्सल घटना नहीं हुई है. नक्सलियोंं को मुख्यधारा मेंं शामिल करने की दृष्टि से समर्पण नीति को भी और अनुकूल बनाया गया है. परिणामस्वरूप आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियोंं की संख्या तेजी से बढ़ रही है.
एक वर्ष में जनता का खोया आत्मविश्वास लौटा
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि एक वर्ष में उन्होंने राज्य की जनता का खोया आत्मविश्वास लौटा दिया है. उन्होंने कहा कि झारखंड के गठन, राजनीतिक अस्थिरता के कारण अब तक कई मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल में राज्य के अंतिम व्यक्ति, आदिवासियों तक विकास की किरण पहुंचाने में अपेक्षित सफलता प्राप्त नहींं हुई है.
किंतु गत वर्ष झारखंड की जनता द्वारा स्पष्ट बहुमत की सरकार चुनी गयी. अस्थिरता का माहौल समाप्त हुआ तथा एक वर्ष के कार्यकाल मेंं इस सरकार ने जनता का खोया आत्मविश्वास प्राप्त करने मेंं सफलता पायी है. सीएम ने कहा कि मंत्रिपरिषद, पदाधिकारियोंं एवं कर्मचारियोंं के टीम वर्क के परिणामस्वरूप इज अॉफ डूइंग बिजनेस में राज्यों को 29वेंं से तीसरे स्थान पर लाने मेंं सफलता मिली है.
2019 तक पतरातू से चार हजार मेगावाट बिजली
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में जल, जंगल और जमीन को प्राथमिकता देते हुए आधारभूत संरचना जैसे पेयजल, आवास, स्वच्छता, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली आदि के विकास पर प्राथमिकता दी गयी.
सरकार इको फ्रेंडली विकास करने पर जोर दे रही है. पीटीपीएस को एनटीपीसी के साथ संबद्ध कर 2019 तक 4000 मेगावाट बिजली उत्पादित करने तथा नॉर्थ कर्णपुरा प्लांट से दो वर्ष के अंदर 1700 मेगावाट बिजली उत्पादित कर झारखंड को ऊर्जा की दृष्टि से आत्मनिर्भर बना दिया जायेगा. पर्यावरण अनुकूल विकास के मद्देनजर सौर ऊर्जा को प्राथमिकता देते हुए किसानों को भी लाभान्वित करने की दृष्टि से बंजर जमीन से सोलर फार्मिंग की भी नीति अपनायी गयी है.
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