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एक ही मामले में दो-दो क्रिमिनल अपील दायर
रांची : एक ही मामले में दो-दो क्रिमिनल अपील याचिका दायर होने से संबंधित मामलों पर झारखंड हाइकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह और जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने कहा कि ऐसा होने से अदालत का बहुमूल्य समय बरबाद होता है. लंबित मामलों की संख्या भी ज्यादा दिखती है. कोर्ट […]
रांची : एक ही मामले में दो-दो क्रिमिनल अपील याचिका दायर होने से संबंधित मामलों पर झारखंड हाइकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह और जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने कहा कि ऐसा होने से अदालत का बहुमूल्य समय बरबाद होता है. लंबित मामलों की संख्या भी ज्यादा दिखती है.
कोर्ट ने इस मामले में रजिस्ट्रार जनरल को जांच करने का निर्देश दिया. पूछा, कैसे एक मामले में दो-दो क्रिमिनल अपील याचिकाएं दायर हो गयी. वहीं दूसरी तरफ अदालत ने वरीय पुलिस अधीक्षकों को अपीलकर्ताओं को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया. इनसे पूछने को कहा गया है कि साक्ष्य काे छिपा कर दोबारा याचिका दायर करने मामले में क्यों नहीं उनका बेल रद्द कर दिया जाये. इन मामलों पर अगली सुनवाई जनवरी माह में होगी.
अदालत में सुनवाई के लिए 20 मामले थे सूचीबद्ध
चीफ जस्टिस वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ में गुरुवार को एक ही मामले में दायर क्रिमिनल अपील के 20 याचिकाएं सूचीबद्ध थे. इसमें हबील टोपनो, नगेन हांसदा, हेनो सोरेन, लोथरो हेंब्रम, काजल बाउरी व अन्य की ओर दायर अलग-अलग याचिकाओं में एक ही अपीलकर्ता के नाम थे. इनमें से कई मामले 15 से 20 साल पुराने हैं. इसमें एक मामला वर्ष 1993 का भी शामिल है.
सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि इनमें से कई मामलों में अदालत ने बेल देने से इनकार कर दिया था. अपील याचिका लंबित रहने के दौरान अपीलकर्ताओं की जेल अपील याचिका दाखिल कर दी गयी.
इसमें इस बात का उल्लेख नहीं किया गया कि पहले से उनकी ओर से दायर याचिका अदालत में लंबित है. कई मामलों में अपीलकर्ताओं को जमानत भी मिल चुकी है.
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