गिरफ्तारी के बाद एसीबी की टीम ने थाना परिसर स्थित दारोगा के आवास की भी तलाशी ली. हालांकि वहां से कुछ बरामद नहीं हुआ. गिरफ्तारी के बाद हरेकृष्ण राय को एसीबी मुख्यालय लाया गया. वहां पूछताछ के बाद दारोगा को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. वह मूल रूप से आरा के रहनेवाले हैं
निगरानी एसपी देवेंद्र ठाकुर के अनुसार अलाउद्दीन अंसारी नगड़ी थाना क्षेत्र के नयासराय का रहनेवाला है. उसने एसीबी को बताया था कि नगड़ी थाना क्षेत्र में दो पक्षों में मारपीट को लेकर 23 अक्तूबर-15 को कांड संख्या 130/15 व 131/ 15 के अंतर्गत दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज हुई थी. दोनों केस के अनुसंधानकर्ता नगड़ी थाना के दारोगा हरेकृष्ण राय थे. अलाउद्दीन के अनुसार दारोगा ने केस में मजबूत डायरी लिखने और केस को खत्म करने के एवज में 15 हजार रुपये की मांग की थी.
अनुरोध करने पर पांच हजार रिश्वत लेकर काम करने को वह तैयार हो गये थे, जबकि वह रिश्वत नहीं देना चाहता था. इस मामले की जानकारी एसीबी के चीफ मुरारी लाल मीणा को मिली. उन्होंने मामले का सत्यापन कराया. एसीबी के अधिकारियों के निर्देश पर दारोगा को रिश्वत देने के लिए मो अलाउद्दीन ने थाने के बाहर चौक पर बुलाया. दारोगा ने जैसे ही रिश्वत की राशि अलाउद्दीन से ली, एसीबी की टीम ने उन्हें रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया. दारोगा के पास से रिश्वत की राशि भी बरामद कर ली गयी. उल्लेखनीय है कि मारपीट के केस में अलाउद्दीन अंसारी भी आरेापी थे. एसीबी के अधिकारियों के अनुसार उन्हें न्यायालय से अपना जमानत पर भी करवा लिया था.