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वाहन प्रदूषण रोकने के लिए क्या कदम उठाये गये : कोर्ट

वाहन प्रदूषण रोकने के लिए क्या कदम उठाये गये : कोर्टउपायुक्त, ट्रैफिक एसपी व पेट्रोलियम कंपनियों के प्रतिनिधियों को उपस्थित होने का निर्देशसिटी बस सर्विस के लिए 50 बस बढ़ाये सरकारडीजल के विकल्प में सीएनजी की उपलब्धता पर क्या कार्रवाई हुईमामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगीमामला रांची शहर में वाहनों से हो रहे […]

वाहन प्रदूषण रोकने के लिए क्या कदम उठाये गये : कोर्टउपायुक्त, ट्रैफिक एसपी व पेट्रोलियम कंपनियों के प्रतिनिधियों को उपस्थित होने का निर्देशसिटी बस सर्विस के लिए 50 बस बढ़ाये सरकारडीजल के विकल्प में सीएनजी की उपलब्धता पर क्या कार्रवाई हुईमामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगीमामला रांची शहर में वाहनों से हो रहे प्रदूषण को रोकने कारांची. झारखंड हाइकोर्ट ने बुधवार को रांची शहर में वाहनों से हो रहे प्रदूषण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. अधिकारियों के सुस्त रवैये पर नाराजगी जताते हुए पूछा कि वाहनों से हो रहे प्रदूषण रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाये गये हैं. डीजल अॉटो के प्रदूषण के खिलाफ क्या कार्रवाई की गयी. डीजल के विकल्प के रूप में सीएनजी उपलब्ध कराने की दिशा में क्या कार्रवाई की गयी है. रांची के उपायुक्त, ट्रैफिक एसपी, इंडियन अॉयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन व हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रतिनिधियों को अगली सुनवाई के दाैरान कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई. खंडपीठ ने कहा कि माइंड सेट बदलने की जरूरत है. राज्य सरकार को निर्देश दिया गया है कि वह सिटी बस सर्विस को दुरुस्त आैर मजबूत बनाये. इसमें 50 बस आैर बढ़ायी जाये. बस चालकों की नियुक्ति की जाये. यात्रियों के दबाववाले सड़कों पर अधिक बसों का परिचालन हो. स्टॉपेज पर बसों के आने-जाने में अधिक अंतराल नहीं होना चाहिए. इसमें ध्यान रखा जाये कि यात्रियों को अधिक इंतजार नहीं करना पड़े. इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता दिलीप जेरथ ने खंडपीठ को बताया कि आइआइएम ने रांची की ट्रैफिक व्यवस्था का अध्ययन कर रिपोर्ट दिया है. इसमें कई सुझाव दिये गये हैं. उन्होंने बिना परमिट के लगभग 6000 अॉटो के शहर में परिचालन की बात कही. उनके खिलाफ प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा है. इस पर सरकार की अोर से बताया गया कि शहर में परमिटधारी अॉटो के परिचालन की अनुमति दी गयी है. बिना परमिट के चलाये जा रहे अॉटो के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. नये अॉटो को भी परमिट नहीं दिया जा रहा है. मालूम हो कि प्रार्थी रजनीश मिश्रा ने जनहित याचिका दायर कर वाहनों से होनेवाले प्रदूषण पर रोक लगाने की मांग की है.

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