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थानेदारों को नहीं है अपने क्षेत्र के अपराधियों की जानकारी
रांची: रांची शहर के कई थानेदारों को उनके क्षेत्र के अपराधियों की गतिविधियों की जानकारी नहीं है. यह तक पता नहीं है कि उनके क्षेत्र में कौन-कौन अपराधी सक्रिय है. कौन-कौन जेल में हैं और कौन बाहर. इस बात का खुलासा 25 नवंबर को डीजीपी की बैठक में हुआ. इंजीनियर समरेंद्र प्रसाद को गोली मारने […]
रांची: रांची शहर के कई थानेदारों को उनके क्षेत्र के अपराधियों की गतिविधियों की जानकारी नहीं है. यह तक पता नहीं है कि उनके क्षेत्र में कौन-कौन अपराधी सक्रिय है. कौन-कौन जेल में हैं और कौन बाहर. इस बात का खुलासा 25 नवंबर को डीजीपी की बैठक में हुआ. इंजीनियर समरेंद्र प्रसाद को गोली मारने की घटना के बाद डीजीपी ने रांची शहरी क्षेत्र के थानेदारों की बैठक बुलायी थी. बैठक में सीआइडी ने पांच अापराधिक गिरोहों के 65 अपराधियों की सूची रांची पुलिस को दी थी. सूत्रों के मुताबिक चर्चा के दौरान यह पता चला कि कुछ थानेदारों को उनके क्षेत्र के बारे में भी सही-सही जानकारी नहीं है.
टास्क पूरा नहीं किया: एसएसपी ने बताया कि अपराध पर काबू पाने के लिए थाना प्रभारियों को अलग-अलग टास्क दिया गया था. कुछ ने टास्क को पूरा नहीं किया है. हालांकि डीजीपी ने स्पष्ट कहा कि रांची पुलिस की जो टीम है, उसी टीम को काम करना होगा. अपराध नियंत्रण के लिए मिलजुल कर काम करना होगा. टीम वर्क से काम करने पर सफलता मिलेगाी.
हर हाल में दर्ज करनी होगी थाने में प्राथमिकी
पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने एक बार फिर से थाना प्रभारियों से कहा कि उन्हें हर हाल में थाना तक पहुंचनेवाली शिकायतों की प्राथमिकी दर्ज करनी होगी. चाहे प्राथमिकी की संख्या जितनी भी क्यों न बढ़ जाये, क्योंकि पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज नहीं करने से आमलोगों में गलत संदेश जाता है.
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