प्रत्येक स्टेंट पर करीब 20 से 75 हजार रुपये अधिक लिये जाते हैं. इससे गरीब मरीजों को इलाज कराने में परेशानी होती है, इसलिए सरकार इस संबंध में उचित निर्देश जारी करते हुए आवश्यक कार्रवाई करे. गौरतलब है कि निदेशालय औषधि द्वारा गठित जांच टीम ने पाया था कि निजी अस्पताल मरीजों से स्टेंट की वास्तविक खरीद मूल्य से अधिक राशि वसूलते हैं. औषधि निदेशालय द्वारा स्वास्थ्य विभाग एवं सरकार को यह प्रस्ताव मंगलवार को सौंप दिया गया.
Advertisement
औषधि निदेशालय ने राज्य सरकार को भेजा प्रस्ताव, निजी अस्पताल भी लें स्टेंट की कम कीमत
रांची: आैषधि निदेशालय ने राज्य सरकार को निजी अस्पतालों द्वारा स्टेंट की उचित कीमत लेने का प्रस्ताव भेजा है. सरकार को भेजे गये प्रस्ताव में कहा गया है कि गैर सरकारी अस्पतालों में स्टेंट का खरीद मूल्य व मरीजों से लिये गये मूल्य में काफी अंतर पाया गया है. प्रत्येक स्टेंट पर करीब 20 से […]
रांची: आैषधि निदेशालय ने राज्य सरकार को निजी अस्पतालों द्वारा स्टेंट की उचित कीमत लेने का प्रस्ताव भेजा है. सरकार को भेजे गये प्रस्ताव में कहा गया है कि गैर सरकारी अस्पतालों में स्टेंट का खरीद मूल्य व मरीजों से लिये गये मूल्य में काफी अंतर पाया गया है.
सरकारी अस्पतालों को भी जारी किया गया निर्देश
सरकार को भेजे गये प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि सरकारी अस्पताल न्यूनतम दर पर स्टेंट की खरीदारी करें. यह भी ध्यान रखें कि स्टेंट की खरीदारी सीजीएचएस द्वारा तय की गयी कीमत पर ही हो रही है या नहीं. अस्पताल बीपीएल मरीजों की स्थिति का भी ध्यान रखे. सरकार को जो इस्टीमेट तैयार कर भेजा जाये, उसमें सीजीएचएस दर या स्टेंट की न्यूनतम दर ही हो.
स्टेंट भी ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट में शामिल : स्टेंट भी ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट में शामिल है. भारत सरकार ने इसे औषधि माना है. यानी स्टेंट की खरीद-बिक्री अन्य औषधियों के नियम अनुसार ही होना चाहिए. अगर कोई नियम का उल्लंघन करता है, तो उस पर ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट की अनुसार कार्रवाई होनी चाहिए.
सरकार को यह प्रस्ताव तैयार कर भेजा गया है कि निजी अस्पताल भी स्टेंट की कम कीमत ले. इधर तीन एजेंसी को एक से दो माह तक के लिए निलंबित भी किया गया है. अगर एजेंसी इसके बाद भी सही ढंग से काम नहीं करती है, तो उनका लाइसेंस रद्द किया जायेगा.
ऋतु सहाय, निदेशक, औषधि
स्टेंट बिक्री करनेवाली तीनाें एजेंसियां निलंबित
निदेशालय औषधि ने रिम्स व निजी अस्पतालों को स्टेंट उपलब्ध कराने वाली एजेंसी अक्षित एजेंसी अपर बाजार, अवनि प्राइवेट लिमिटेड बरियातू एवं संजीवनी बरियातू को एक से दो माह के लिए निलंबित कर दिया है. ये तीनों एजेंसी निर्धारित अवधि तक किसी भी अस्पताल को स्टेंट की बिक्री नहीं कर पायेंगी. इन तीनों एजेंसियों के खिलाफ स्टेंट के वास्तविक मूल्य से अधिक कीमत लेने का आरोप हैं. इसी आधार पर इन तीनों एजेंसी पर कार्रवाई की गयी है. सरकार ने एजेंसी को यह सख्त निर्देश दिया है कि दोबारा गड़बड़ी हुई, तो लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की जायेगी.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement