रांची: झारखंड के मत्स्य पालकों को थोक बाजार उपलब्ध कराया जायेगा. रांची के शालीमार प्रक्षेत्र परिसर में वातानुकूलित होलसेल फिश मार्केट का निर्माण कार्य चल रहा है. करीब 20,000 वर्गफीट जमीन पर बहुमंजिला भवन का निर्माण किया जा रहा है.
इस पर 3.28 करोड़ रुपये की लागत आ रही है. एनएफडीबी, हैदराबाद और राज्य सरकार द्वारा राशि उपलब्ध करायी गयी है. फिश मार्केट आंध्र प्रदेश के नेल्लुरु की तर्ज पर बनाया जा रहा है. मत्स्य निदेशालय के उप निदेशक आशीष कुमार ने इससे संबंधित प्रस्ताव दिया, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया. ज्ञात हो कि नेल्लुरु में वर्ष 2011 में देश का पहला अत्याधुनिक होलसेल फिश मार्केट बना था.
क्या है उद्देश्य
राज्य के किसी भी जिले में सरकार की ओर से मछली बिक्री के लिए थोक या खुदरा बाजार उपलब्ध नहीं कराया गया है, जबकि राज्य के तालाबों व जलाशयों में बड़े पैमाने पर मछली का उत्पादन हो रहा है. असुरक्षात्मक तरीके से सड़कों के किनारे मछली बेची जाती है. मल्लाह टोली, रांची में आबादी के बीच मछली का थोक बाजार लगता है. ग्रामीण मत्स्य पालकों के लिए थोक बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से रांची में कोल्ड स्टोरेज की सुविधा के साथ होलसेल फिश मार्केट बनाने का निर्णय लिया गया.
मल्लाह टोली में जून से थोक बाजार नहीं
धुर्वा में निर्माणाधीन होलसेल फिश मार्केट को मई तक पूरा कर लेने का लक्ष्य है. मार्केट बन जाने के बाद जून माह से मल्लाह टोली में मछली का थोक बाजार नहीं लगेगा. सभी आठ थोक विक्रेताओं को होलसेल फिश मार्केट में शिफ्ट कर दिया जायेगा. इस व्यवस्था के बाद मछली की दरुगध से मल्लाह टोली के लोगों को छुटकारा मिल जायेगा.