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कार्यस्थल पर सुरक्षित माहौल जरूरी : द्रौपदी मुर्मू

कार्यस्थल पर सुरक्षित माहौल जरूरी : द्रौपदी मुर्मू- सेल में अंतरराष्ट्रीय सेमिनार फोटो : अमित दास रांची. राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि प्रबंधन का दायित्व है कि कार्यस्थल पर सुरक्षित माहौल बनायें. दुर्घटना से केवल कर्मियों को क्षति नहीं पहुंचती है, इसका असर उसके पूरे परिवार पर होता है. सुरक्षा के मापदंड का पालन […]

कार्यस्थल पर सुरक्षित माहौल जरूरी : द्रौपदी मुर्मू- सेल में अंतरराष्ट्रीय सेमिनार फोटो : अमित दास रांची. राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि प्रबंधन का दायित्व है कि कार्यस्थल पर सुरक्षित माहौल बनायें. दुर्घटना से केवल कर्मियों को क्षति नहीं पहुंचती है, इसका असर उसके पूरे परिवार पर होता है. सुरक्षा के मापदंड का पालन करना सभी का दायित्व है. उक्त बातें उन्होंने सेल में आयोजित सेमिनार में कही. इसका विषय था अंतरराष्ट्रीय सेमिनार ऑन सेफ्टी, हेल्थ इन इंडस्ट्री. उन्होंने कहा कि स्टील निर्माण कंपनियों में कर्मियों को गरमी, धूल, धुआं, केमिकल, आग व विस्फोटक पदार्थ का प्रयोग करना पड़ता है. इसलिए प्रबंधन की जिम्मेवारी है कि कर्मचारियों के स्वास्थ्य पर समुचित ध्यान दे. कंपनियों में कर्मचारियों के लिए समय-समय पर सुरक्षा से संबंधित जानकारी देना आवश्यक है, ताकि दुर्घटना कम हो. स्टील उद्योग में हर रोज नये-नये तकनीक का प्रयोग हो रहा है. इस कारण दुर्घटना की संभावना भी बढ़ रही है. इसे जागरूकता से ही कम किया जा सकता है. जिस कंपनी में सुरक्षा के मापदंड की बेहतर व्यवस्था है, वह कंपनी निश्चितरूप से आगे बढ़ता है और लाभ अर्जित करता है. हेंक रेमिंक (निदेशक सुरक्षा, तकनीकी एवं पर्यावरण, वर्ल्ड स्टील एसोशियशन) ने कहा कि सुरक्षा से अधिक महत्वपूर्ण कुछ नहीं है. सभी तरह की दुर्घटनाएं रोकी जा सकती है. अगर किसी प्लांट में दुर्घटना होती है तो इसका जिम्मेवार प्रबंधन होता है. प्रबंधन का दायित्व है कि कर्मियों को सुरक्षा उपकरण के प्रयोग के लिए ट्रेनिंग दे और जागरूक करे. उन्होंने कहा कि विदेशों में अधिकांश ब्लास्ट फर्नेस में रोबोट से काम लिया जाता है. जिससे मानव क्षति नहीं होती है. भारत में भी अति संवेदनशील कार्यस्थल पर रोबोट का प्रयोग करना चाहिए. एसएस महांती (निदेशक तकनीकी, सेल) ने कहा कि दुर्घटना से हमें सीख लेनी चाहिए. यह दोबारा नहीं हो. इसके लिए हमेशा जागरूक रहने की जरूरत है. सभी का दायित्व है कि सुरक्षा उपकरणों का प्रयोग करे और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें. जिस कंपनी में सुरक्षा के मापदंड को गंभीरता से लिया जाता है वहां टीम भावना अधिक होती है. कर्मी आत्मविश्वास से कार्य करते हैं. सेमिनार में डॉ सनक मिश्र (सेक्रेटरी जेनरल, इंडियन स्टील एसोसिएशन), वी बी संत (डायरेक्टर जेनरल, नेशनल सेफ्टी काउंसिल) व बीबी मिश्र (उपाध्यक्ष, जेसीएसएसआई) ने सुरक्षा के लिए एक कर्मी से लेकर प्रबंध निदेशक तक की जिम्मेदारी की बात की. सेमिनार में 200 से अधिक इस्पात निर्माता तथा शिक्षा संस्थानों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. सेमिनार में 34 देशी-विदेशी वक्ता सुरक्षा तथा स्वास्थ पर प्रेजेंटेशन देंगे. सेमिनार का समापन रविवार को होगा.

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