रांची: चतरा के टंडवा व पिपरवार इलाके में मजदूरी के नाम पर डीओ होल्डर, ट्रांसपोर्टर और हाईवा के मालिकों से अवैध वसूली की जाती है. इस अवैध वसूली के बल पर टंडवा व पिपरवार के 10 लोगों ने अकूत संपत्ति अर्जित कर ली है. 30 अक्तूबर को पुलिस मुख्यालय द्वारा गृह विभाग को भेजे गये पत्र में इस बात का उल्लेख किया गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक पिपरवार कांटा कमेटी का सदस्य प्रेम सागर मुंडा, बिलारी रिजेक्ट कांटा कमेटी का सदस्य जानकी महतो और बबलू मुंडा का संबंध उग्रवादी संगठन से है. तीनों के खिलाफ पिपरवार थाना में मामला दर्ज है. रिपोर्ट में उल्लेख है कि चतरा के डीसी ने भी एक रिपोर्ट भेजी है. जिसके मुताबिक डीसी ने कांटा कमेटियों को भंग कर एसडीओ के नेतृत्व में कमेटी का गठन करने की अनुशंसा की थी.
अवैध वसूली से 10 लोगों ने बनायी संपत्ति
मुख्यालय द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट के मुताबिक टंडवा पिपरवार के 10 लोगों ने अवैध वसूली से संपत्ति अर्जित की है. इनमें प्रेम सागर मुंडा, बबलू सागर मुंडा, जानकी महतो, अर्जुन गंझू, परमेश्वर गंझू, बिंदेश्वर गंझू, प्रेम प्रकाश, सुधांशु रंजन, भीखन गंझू और सूरज यादव का नाम शामिल है. अवैध वसूली और इन 10 लोगों की संपत्ति की जांच एसआइटी से कराने का आग्रह किया गया है.
मार्च में हुई थी वसूली के खिलाफ कार्रवाई
टंडवा व पिपरवार में अवैध वसूली के खिलाफ मार्च महीने में कार्रवाई शुरू हुई थी. डीजीपी डीके पांडेय के निर्देश पर तत्कालीन एडीजी अभियान अनिल पाल्टा ने कार्रवाई शुरू की थी. 13 मार्च को चतरा पुलिस ने बिंदु गंझू और अर्जुन को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने 10 लाख रुपये नकद, दो पोकलेन और चार हाईवा जब्त किये थे, साथ ही बिंदु के बैंक एकाउंट में पुलिस को दो करोड़ रुपये मिले थे. इस कार्रवाई के बाद अचानक अवैध वसूली के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई को रोक दिया गया. इसके बाद अवैध वसूली के खिलाफ पुलिस के स्तर से कभी बड़ी कार्रवाई नहीं हुई.