रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा : मानव संसाधन की पूंजी, पैसे तथा उपकरणों से बड़ी पूंजी है. हमारे राज्य खास कर संताल परगना में गरीबी व कुपोषण की स्थिति देखकर नहीं लगता है कि हमें अाजाद हुए 66 वर्ष हो गये. वहां की स्थिति देख कर ही मैंने झारखंड में पोषण मिशन शुरू करने की घोषणा की थी. यह वादा आज पूरा हो रहा है. अगले 10 वर्षों में झारखंड से कुपोषण मिटाने का मैं वादा करता हूं. वह शुक्रवार को होटल बीएनअार चाणक्य में झारखंड पोषण मिशन की शुरुआत कर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे. यूनिसेफ के सहयोग से राज्य में यह मिशन शुरू हो रहा है. सीएम ने कहा कि राज्य को अकेले सरकार कुपोषण मुक्त नहीं बना सकती.
इसमें यूनिसेफ व अन्य संस्थाअों तथा सिविल सोसाइटी का साथ व सहयोग चाहिए. सरकार इतनी योजनाएं चला रही है, इतनी बड़ी राशि खर्च कर रही है, फिर भी हमारे राज्य में 45 फीसदी कुपोषित बच्चे हैं? स्पष्ट है कि हमारी योजनाअों में तथा हमारी लगन में भी कमी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार वैसी चाहिए, जो बोले वो करे भी. इसलिए मैं उतना ही बोलूंगा, जो कर सकूं. उन्होंने कहा कि वह लोगों पर शासन करने के लिए नहीं, बल्कि उनकी सेवा के लिए सीएम बने हैं.
कुपोषण राज्य की ज्वलंत समस्या: लुईस मरांडी
समाज कल्याण मंत्री लुईस मरांडी ने कहा कि बच्चों व महिलाअों को छोड़कर समाज का विकास नहीं हो सकता. कुपोषण राज्य की ज्वलंत समस्या है. पोषण मिशन की शुरुआत इसे मिटाने का बड़ा कदम साबित होगा. मंत्री ने कहा कि हमारे राज्य के 45 फीसदी बच्चे कुपोषित हैं. इस आंकड़े को शून्य फीसदी करना है. भारत में यूनिसेफ की हेड फोरूग फोयोजा ने कहा कि अब पोषण मिशन की शुरुआत सभी गैप को भरने का एक बढ़िया कदम है. उन्होंने यूनिसेफ की अोर से सरकार को हर संभव सहयोग का वादा किया.
स्वास्थ्य सचिव के विद्यासागर ने कहा कि कुपोषण व एनिमिया हमारी सबसे बड़ी चुनौती है. हम गत 25 वर्षों से आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन कर वहां भोजन के रूप में कार्बोहाइड्रेट, फैट व प्रोटीन देने पर केंद्रित हैं, पर हमने माइक्रोन्यूट्रियेंट पर कभी ध्यान नहीं दिया. जबकि शोध में प्रमाणित हो चुका है कि यह बेहद जरूरी है. अब हम पैक्ड भोजन में इसे दे रहे हैं.
महाराष्ट्र पोषण मिशन की महानिदेशक अाइएएस वंदना कृष्णा ने अपने राज्य में कुपोषण निवारण कार्यक्रम की सफलता के जरिये झारखंड को कुछ सुझाव दिये. इससे पहले समाज कल्याण सह खाद्य आपूर्ति सचिव विनय चौबे ने सबका अौपचारिक स्वागत किया तथा पोषण मिशन के लक्ष्य की जानकारी दी.
कार्यक्रम के दौरान पोषण मिशन के लिए यूनिसेफ व झारखंड सरकाह के बीच करार हुआ. यूनिसेफ की अोर से फोरूग फोयोजा तथा झारखंड सरकार की अोर से समाज कल्याण सचिव विनय चौबे ने एमअोयू पर हस्ताक्षर किये. इस अवसर पर सीएम के प्रधान सचिव संजय कुमार, पीएचइडी सचिव एपी सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव सुनील वर्णवाल, यूनिसेफ की कंट्री हेड (बाल विकास व पोषण) सबा मेबरातू, यूनिसेफ की स्टेट हेड डॉ मधुलिका जोनाथन, यूनिसेफ की महाराष्ट्र हेड राजेश्वरी चंद्रशेखर, एमडी एनआरएचएम अाशिष सिंहमार, निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सुमंत मिश्रा, निदेशक समाज कल्याण रविंद्र प्रसाद सिंह, खाद्य सुरक्षा से जुड़े बलराम तथा अन्य अधिकारियों सहित सीडीपीअो व विभिन्न गैर सरकारी संस्थाअों के प्रतिनिधि उपस्थित थे.
मिशन के संचालन के लिए बनायी गयी है कमेटी
झारखंड पोषण मिशन के महानिदेशक बनाये गये समाज कल्याण सचिव विनय चौबे ने बताया कि पोषण मिशन के संचालन के लिए राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में स्टेयरिंग कमेटी बनायी गयी है. इसके नीच कई कमेटियां होगी. मिशन के 10 साला लक्ष्य में कुपोषित बच्चों की संख्या 10 फीसदी कम करना, किशोरियों व महिलाअों में एनिमिया 10 फीसदी कम करना, कम वजन के बच्चों का जन्म 20 फीसदी कम करना तथा स्तनपान में 20 फीसदी वृद्धि करने सहित अन्य पैरामीटर में सुधार शामिल हैं. श्री चौबे ने कहा कि मिशन के तहत वर्तमान योजनाअों के हार्डवेयर में कोई बदलाव नहीं होगा, बल्कि मूल्यांकन व अनुश्रवण जैसे सॉफ्टवेयर के जरिये बदलाव की कोशिश होगी.