रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने स्वास्थ्य विभाग व रिम्स प्रबंधन को निर्देश दिया है कि वह रिम्स में विभिन्न तरह की जांच का शुल्क कम करे, ताकि इसका लाभ ज्यादा से ज्यादा से लोग उठा सकें. इसके साथ ही राज्य में चिकित्सकों के रिक्त पद भरने, नवनियुक्त चिकित्सकों को ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा के लिए भेजने तथा ग्रामीण व पिछड़े इलाकों में सेवा देनेवाले चिकित्सकों के मानदेय में वृद्धि का भी निर्देश सीएम ने दिया है.
वह शुक्रवार को प्रोजेक्ट भवन में विभाग की समीक्षा कर रहे थे. विभागीय मंत्री सहित वरीय अधिकारियों से कहा गया कि राज्य के 18 सदर अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की भरती संबंधी प्रक्रिया शीघ्र पूरी कर ली जाये. इसके अलावा उपकरणों व तकनीशियों सहित पर्याप्त संख्या में नर्सों की व्यवस्था करने को भी कहा गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक वित्तीय वर्ष में राज्य के कुछ पिछड़े जिलों व प्रखंडों में प्राथमिकता के आधार पर स्वास्थ्य सुविधाअों में सुधार लाया जाए. वहीं उन्होंने फिर दोहराया कि रिम्स परिसर में अनावश्यक प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाये. इसके साथ ही अस्पताल को स्वच्छ रखने व मरीजों को बेहतर भोजन उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया गया है.
रिम्स निदेशक से भी कहा गया है कि वह सप्ताह में कम से कम दो दिन मरीजों से मिल कर उनसे फीड बैक ले. मुख्यमंत्री ने अपूर्ण स्वास्थ्य केंद्रों का रिवाइज इस्टीमेट बना कर भवन के साथ-साथ आधारभूत संरचना निर्माण भी पूरा करने को कहा है. राज्य के सभी स्वास्थ्य कर्मियों को बायोमेट्रिक्स सिस्टम से उपस्थिति दर्ज कराने को आवश्यक बताते हुए सीएम ने कहा है कि ऐसा न करनेवालों काे वेतन भुगतान न करें. बैठक में स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी, मुख्य सचिव राजीव गौबा, विकास आयुक्त अारएस पोद्दार, प्रधान सचिव वित्त अमित खरे, प्रधान सचिव स्वास्थ्य के विद्यासागर, निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सुमंत मिश्रा व निदेशक रिम्स सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
भरती मरीजों को कपड़ा मिलेगा
स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए प्रस्तावित प्रमुख योजनाओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया. उन्हें बताया गया कि राज्य के पिछड़े इलाके के स्वास्थ्य केंद्र में भरती मरीजों को विभाग की अोर से कपड़ा मिलेगा. वहीं आदिम जनजाति के लोगों को प्रशिक्षण देकर उन्हीं के बीच सेवा देना, मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए जननी एवं शिशु कीट प्रदान करना, रांची में बायोमेडिकल वेस्ट डिस्पोजल यूनिट की स्थापना करना, जमशेदपुर स्थित एमजीएम में बेड की संख्या 500 करना तथा 12 अनुमंडल स्तरीय स्वास्थ्य केंद्रों व एक सौ सीएचसी के लिए एंबुलेंस खरीदना भी प्रस्तावित है.