27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पांच साल में नहीं बने 1790 पंचायत भवन

पांच साल में नहीं बने 1790 पंचायत भवन40 फीसदी पंचायत भवन नहीं बनना पंचायती शासन के लिए होगी चुनौतीप्रमुख संवाददाता, रांची झारखंड की 1790 पंचायतों में अभी तक पंचायत भवन नहीं बन सके हैं. यानी करीब 40 फीसदी पंचायत भवनों का निर्माण नहीं हो सका है. राज्य में पांच साल तक पंचायती शासन रहने के […]

पांच साल में नहीं बने 1790 पंचायत भवन40 फीसदी पंचायत भवन नहीं बनना पंचायती शासन के लिए होगी चुनौतीप्रमुख संवाददाता, रांची झारखंड की 1790 पंचायतों में अभी तक पंचायत भवन नहीं बन सके हैं. यानी करीब 40 फीसदी पंचायत भवनों का निर्माण नहीं हो सका है. राज्य में पांच साल तक पंचायती शासन रहने के बावजूद यह स्थिति है. इससे त्रिस्तरीय पंचायती शासन चलाने में कठिनाई होती रही है. पंचायत के दफ्तर इधर-उधर चलते रहे हैं. कहीं-कहीं तो मुखिया के घर में ही पंचायत कार्यालय का संचालन हो रहा है. इतना ही नहीं पंचायत कार्यालय के संचालन के लिए उपलब्ध सारे उपकरण व सामान मुखिया के घरों में पड़े हुए हैं. इन सामानों का इस्तेमाल तक नहीं हो रहा है. अब नये सिरे से पंचायत चुनाव हो रहे हैं. ऐसे में पंचायत भवनों का निर्माण कराना पंचायती शासन के लिए चुनौती होगा.पंचायत भवन निर्माण का उद्देश्य जानकारी के मुताबिक, सरकार ने यह फैसला लिया था कि राज्य के 4423 पंचायतों में पंचायत भवनों का निर्माण कराया जायेगा. इसका उद्देश्य था कि पंचायत से संबंधित सारे दफ्तर एक ही जगह पंचायत भवन में चले. इसके लिए दो मंजिला पंचायत भवनों का निर्माण शुरू कराया गया. तेजी से काम कराया गया और 2633 आवास बनाये गये, लेकिन शेष आवास नहीं बन सके. नहीं है अधूरे पड़े आवासों को बनाने के पैसेअब सरकार के पास अधिकतर अधूरे पड़े आवासों को बनाने के लिए पैसे नहीं हैं. क्योंकि केंद्र सरकार बीआरजीएफ के तहत आवास बन रही थी. केंद्र ने बीआरजीएफ बंद कर दिया. राज्य सरकार को यह भी कहा कि वह खुद के पैसे से अधूरे काम को पूरा करे. ऐसे में राज्य सरकार को अपने पैसे से काम कराना होगा. यह सरकार के लिए चुनौती है.157 भवन बनेंगे आरजीजीएसवाइ के पैसे सेइधर पंचायती राज विभाग ने यह फैसला लिया है कि राजीव गांधी ग्रामीण सशक्तिकरण योजना (आरजीजीएसवाइ) के पैसे से करीब 157 आवासों को पूरा कराने का प्रयास किया जायेगा. पिछले वित्तीय वर्ष का करीब 21 करोड़ रुपये इस मद का विभाग के पास बचा हुआ है. वहीं राज्यांश के रूप में पांच करोड़ भी हैं. दोनों राशि से अधूरे पड़े कुछ आवास बन जायेंगे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें