रांची: राजधानी एवं आसपास के क्षेत्रों में बिना एमबीबीएस की डिग्री का इलाज करनेवाले डॉक्टरों पर सिविल सर्जन कारवाई नहीं कर रहे हैं, जबकि सिविल सर्जन द्वारा गठित जांच टीम ने बिना डिग्री के डाॅक्टरों द्वारा मरीजों का धड़ल्ले से इलाज करने एवं अस्पताल चलाने से संबंधी अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. जांच टीम ने ऐसे डॉक्टरों पर कार्रवाई की अनुशंसा की थी. रिपोर्ट सौंपे जाने के 23 दिन बाद भी सिविल सर्जन द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी है.
जांच टीम ने ये सौंपी थी रिपोर्ट
जांच टीम ने सिविल सर्जन, रांची को 30 सितंबर को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें उल्लेख किया गया है कि हरमू हाउसिंग कॉलोनी में माया उरांव होमियोपैथी की डिग्री पर एलोपैथी पद्धति से इलाज करते हैं. उनके होमियोपैथी डिग्री पर भी टीम ने आशंका व्यक्त की थी. वहीं बेड़ो चट्टी में गांधी मेडिकल सेंटर अस्पताल के संचालक श्यामल किशोर के पास डिग्री नहीं होने एवं 20 बेड का अस्पताल संचालित करने की बात कही गयी है. वहीं बेड़ो में ही संजीवनी क्लीनिक चलानेवाले एस कुमार के पास भी डिग्री नहीं पाया गया है, लेकिन वह बच्चों का इलाज करते हैं. इसके अलावा न्यू मधुकम में जयशंकर शर्मा, खादगढ़ा के चौधरी धर्मशाला के पास विनोद कुमार के पास होमियोपैथी की डिग्री है, लेकिन वह एलोपैथी पद्धति से इलाज करते हैं. पिस्का मोड़ के पास ओमप्रकाश के पास भी डिग्री नहीं होने का उल्लेख टीम ने किया था.
क्या कहते हैं सिविल सर्जन
दुर्गा पूजा में काम का बहुत लोड था. फाइल निकलवानी पड़ेगी, लीगल जानकारी भी लेनी होगी. सोमवार से कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू करेंगे.
डाॅ गोपाल श्रीवास्तव सिविल सर्जन, रांची