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पंचायत प्रतिनिधियों पर दो दर्जन से अधिक मामले
रांची. राज्य के विभिन्न जिलों से पंचायत प्रतिनिधियों के खिलाफ करीब दो दर्जन से अधिक मामले आये हैं. ये मामले पंचायती राज विभाग में जिलों से भेजे गये हैं. इसमें मुखिया से लेकर प्रमुख तक पर आरोप लगे हैं. कुछ मामलों में उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगे हैं. इनमें से कई में विभाग ने कार्रवाई […]
रांची. राज्य के विभिन्न जिलों से पंचायत प्रतिनिधियों के खिलाफ करीब दो दर्जन से अधिक मामले आये हैं. ये मामले पंचायती राज विभाग में जिलों से भेजे गये हैं. इसमें मुखिया से लेकर प्रमुख तक पर आरोप लगे हैं. कुछ मामलों में उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगे हैं. इनमें से कई में विभाग ने कार्रवाई भी की है. गोड्डा, पश्चिमी सिंहभूम, पलामू, पाकुड़, दुमका, देवघर, साहेबगंज, रांची सहित अन्य जिलों से भी मामले आये हैं.
अभी हाल ही में गोड्डा से छह मामले यहां पहुंचे. इन मामलों में विभाग ने कार्रवाई की है. पंचायत सदस्यों के साथ ही मुखिया पर भी कार्रवाई की है. इन पर कई तरह के गंभीर आरोप लगे थे. उपायुक्त ने इनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की थी.
मनमानी के भी मामले आये हैं सामने
पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा मनमानी किये जाने के मामले भी सामने आते रहे हैं. जिला परिषद अध्यक्ष, जिला परिषद सदस्य व मुखिया अफसरों के साथ झगड़ते भी रहे हैं. ऐसे मामले पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम में भी आये थे.
रांची : झारखंड के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायत के सदस्य पद के लिए लड़ने वालों को शपथ पत्र देने से छूट दी गयी है. ग्राम पंचायत सदस्य के प्रत्याशी को अपने नाम निर्देशन पत्र के साथ शपथ पत्र की जगह स्वघोषणा पत्र देना होगा.
मुखिया, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के उम्मीदवारों के लिए नाम निर्देशन पत्र के साथ नोटरी पब्लिक के समक्ष दायर शपथ पत्र देना अनिवार्य किया गया है. शपथ पत्र नहीं देने वाले मुखिया, पंचायत समिति सदस्य या जिला परिषद सदस्य के प्रत्याशी का नाम निर्देशन पत्र स्वीकार नहीं किया जायेगा.
मुफ्त प्राप्त किये जा सकते हैं नामांकन के लिए प्रपत्र छह
पंचायत चुनाव लड़ने के इच्छुक व्यक्तियों के लिए नामांकन प्रपत्र छह प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य है. ग्राम पंचायत सदस्य, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य व जिला परिषद सदस्यों के प्रत्याशियों के लिए यह अनिवार्य है. प्रपत्र छह की मुद्रित प्रतियां निर्वाची पदािधकारी के कार्यालय से नि:शुल्क प्राप्त की जा सकती है.
हाथ से लिखे प्रपत्र का कर सकते हैं उपयोग
प्रपत्र छह का सरकारी प्रेस से ही छपा होना अनिवार्य नहीं है. अगर सरकार द्वारा मुद्रित प्रपत्र छह उपलब्ध न हो तो, निजी तौर पर मुद्रित, टंकित या हाथ से लिखे प्रपत्र छह का उपयोग भी किया जा सकता है. लेकिन, ऐसे प्रपत्र में वह सब प्रविष्टियां होनी चाहिए, जो नियमानुसार निर्धारित प्रपत्र छह में हैं.
पांच दिन ही मिलेंगे नामांकन के लिए
पंचायत चुनाव में नामांकन के लिए समान्य तौर पर सात दिनों का समय मिलता है. परंतु, सार्वजनिक छुट्टियों की वजह से इस बार होने वाले पंचायत चुनाव के चार चरणों में से एक में भी उम्मीदवारों को नामांकन के लिए सात दिनों का समय नहीं मिलेगा. 28 नवंबर को होने वाले दूसरे चरण के चुनाव में नामांकन के लिए छह दिनों का समय मिलेगा. वहीं, पहले, तीसरे और चौथे चरण के चुनाव में नामांकन के लिए केवल पांच दिनों का ही समय मिलेगा.
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